वंदे मातरम के 150वें स्मरणोत्सव पर मुख्यमंत्री का संदेश
वंदे मातरम का ऐतिहासिक स्मरणोत्सव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के शौर्य स्मारक में वंदे मातरम के 150वें स्मरणोत्सव के अवसर पर भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप जलाकर इस समारोह की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का यह गीत स्वतंत्रता का प्रेरणास्त्रोत बना। आजादी के समय जब राष्ट्रगीत को अपनाने का समय आया, तब देश को भ्रमित करने की कोशिशें की गईं। वंदे मातरम के इतिहास को समझना आवश्यक है। उन्होंने जनता से स्वदेशी अपनाने का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर वंदे मातरम के महत्व और इतिहास पर एक पत्रिका का विमोचन भी किया गया। यह स्मरणोत्सव पूरे वर्ष चार चरणों में मनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री का संदेश
डॉ. यादव ने कहा कि वंदे मातरम के इस उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को देखा गया। यह गीत न केवल स्वतंत्रता की प्रेरणा देता है, बल्कि लोगों की आत्मा को भी जागृत करता है। उन्होंने शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय वंदे मातरम ने लोगों में प्राण का संचार किया।
नई प्रेरणा का संचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के संघर्ष में इतिहास रचा जाता है। जब भी स्वतंत्रता की बात होती है, तब नए संकल्पों का जन्म होता है। उन्होंने बताया कि 'कदम-कदम बढ़ाए जा...' गीत को पुलिस बैंड ने शानदार तरीके से प्रस्तुत किया, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ा है।
विशेष आयोजन की योजना
डॉ. यादव ने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का यह गीत स्वतंत्रता का मूल मंत्र है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में राष्ट्रगान जन-गण-मन के साथ वंदे मातरम को भी महत्व देने की बात कही थी। यह स्मरणोत्सव 7 नवंबर 2026 तक चलेगा, जिसमें राष्ट्रीय त्योहारों पर विशेष आयोजन होंगे।
जनता से संकल्प
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता से संकल्प लिया कि वे भारतीय उत्पादों का अधिकतम उपयोग करेंगे और आयातित वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी विकल्प अपनाएंगे। उन्होंने युवाओं को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी संकल्प लिया।
वंदे मातरम का महत्व
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति अशोक वर्णबाल ने बताया कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा है। यह गीत 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित हुआ था और यह स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करती विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने इस अवसर पर डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। मोदी ने कहा कि वंदे मातरम एक मंत्र है, जो ऊर्जा और संकल्प का प्रतीक है।
