लोकसभा में पेश हुआ राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, खिलाड़ियों की भागीदारी पर नए नियम

लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक पेश किया गया, जिसमें केंद्र सरकार को असाधारण परिस्थितियों में खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर रोक लगाने का अधिकार दिया गया है। विधेयक में राष्ट्रीय हित में निर्देश जारी करने की शक्ति भी शामिल है, जो विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ खेल आयोजनों को प्रभावित कर सकती है। यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद ही कानून बनेगा। जानें इस विधेयक के पीछे की नीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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लोकसभा में पेश हुआ राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, खिलाड़ियों की भागीदारी पर नए नियम

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का प्रस्ताव

बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक प्रस्तुत किया गया। इस विधेयक के तहत, केंद्र सरकार को असाधारण परिस्थितियों में भारतीय टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी पर रोक लगाने का अधिकार दिया जाएगा.


खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर रोक

इस खेल विधेयक में एक धारा शामिल की गई है, जो राष्ट्रीय हित में निर्देश जारी करने और रोक लगाने की शक्ति को स्पष्ट करती है। यह भारतीय टीमों और खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी को प्रभावित कर सकती है, विशेषकर जब मामला पाकिस्तान से जुड़ा हो.


विधेयक की प्रक्रिया

विधेयक में उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार असाधारण परिस्थितियों में और राष्ट्रीय हित में, एक आदेश के माध्यम से, किसी राष्ट्रीय टीम की अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी या किसी व्यक्ति की राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी पर रोक लगा सकती है। यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने और राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद ही कानून बनेगा.


सरकार की नीति

सरकार की नीति पिछले कुछ वर्षों में प्रतियोगिताओं में भागीदारी को लेकर स्पष्ट रही है। यदि प्रतियोगिता में कई देश शामिल हैं, तो भागीदारी पर कोई रोक नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय आयोजनों में भागीदारी का सवाल नहीं उठता.