लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी
लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विपक्ष के 63 सांसदों और 145 लोकसभा सदस्यों ने इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। मामला तब शुरू हुआ जब वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में नगदी बरामद हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने उन्हें दोषी ठहराया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और संसद में होने वाली बहस के बारे में।
Jul 21, 2025, 15:51 IST
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महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया
लोकसभा के 145 सदस्यों और राज्यसभा में विपक्ष के 63 सांसदों ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है। विपक्ष की लगातार नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि, राज्यसभा में कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। मानसून सत्र 32 दिनों में कुल 21 बैठकें करेगा और 21 अगस्त को समाप्त होगा। इस बीच, दोनों सदन 12 अगस्त, 2025 को स्थगित रहेंगे और स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए सोमवार, 18 अगस्त को पुनः समवेत होंगे।
मामले का विवरण
क्या है पूरा मामला
यह मामला तब शुरू हुआ जब मार्च 2025 में न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में नगदी बरामद हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने उन्हें दोषी ठहराया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी। जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस जांच समिति की रिपोर्ट और महाभियोग की सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सर्वदलीय बैठक का आयोजन
सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक आयोजित
संसद के आगामी मानसून सत्र, 2025 से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए 20 जुलाई को राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई। हालांकि केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस कराने की विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लिया है, लेकिन चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बहस के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी
संसद में आएगा महाभियोग प्रस्ताव
इस बीच, कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी है। सभी पार्टियों से बातचीत हो चुकी है और संसद की राय एकजुट है। उन्होंने कहा, 'लगभग सभी बड़े राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। जिन पार्टियों के केवल एक-एक सांसद हैं, उनसे भी बात करूंगा, ताकि संसद का यह रुख सर्वसम्मति वाला हो। वहीं, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह फैसला सरकार का नहीं, बल्कि सांसदों का है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी के सांसद भी महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे। इसका मतलब है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों संवैधानिक कार्रवाई के पक्ष में हैं।