लोकपाल द्वारा BMW कारों की खरीद पर उठे सवाल, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

लोकपाल ने अपने सदस्यों के लिए सात BMW लग्जरी कारों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है, जिससे एक नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने इस कदम की आलोचना की है, यह सवाल उठाते हुए कि जब सुप्रीम कोर्ट के जजों को साधारण कारें दी जाती हैं, तो लोकपाल के सदस्यों को इतनी महंगी कारों की आवश्यकता क्यों है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के तर्क।
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लोकपाल द्वारा BMW कारों की खरीद पर उठे सवाल, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

लोकपाल का विवादास्पद टेंडर

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था लोकपाल ने अपने सदस्यों के लिए सात BMW लग्जरी कारों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है। इस टेंडर के प्रकाश में आने के बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है।


पी चिदंबरम की आलोचना

कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने लोकपाल के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट के जजों को साधारण सेडान दी जाती है, तो लोकपाल के चेयरमैन और उसके छह सदस्यों को BMW कारों की आवश्यकता क्यों है? उल्लेखनीय है कि जिन कारों के लिए टेंडर जारी किया गया है, उनकी कीमत लगभग 70 लाख रुपये है।


सदस्यों का विरोध

पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इन कारों की खरीद के लिए जनता का पैसा क्यों खर्च किया जाए? उन्होंने आशा व्यक्त की कि कम से कम एक या दो सदस्य इन कारों को खरीदने से मना कर देंगे।


अभिषेक सिंघवी की टिप्पणी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने एक्स पर लिखा कि यह देखना दुखद है कि एंटी-करप्शन बॉडी अब अपने सदस्यों के लिए BMW ऑर्डर कर रही है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी के रखवाले अब लग्जरी के पीछे भाग रहे हैं। सिंघवी ने यह भी बताया कि 2019 में अपनी स्थापना के बाद से लोकपाल को 8,703 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से केवल 24 जांचें हुईं और 6 अभियोजन स्वीकृत हुए हैं।


विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब 16 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें लोकपाल ने सात BMW 3 सीरीज Li कारों की सप्लाई के लिए ओपन टेंडर मांगे। रिपोर्टों के अनुसार, BMW को लोकपाल के ड्राइवरों और स्टाफ को सात दिन की ट्रेनिंग देने के लिए भी कहा जाएगा। इस टेंडर के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया।


लोकपाल के सदस्यों की जानकारी

लोकपाल के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए.एम खानविलकर हैं। सदस्यों में रिटायर जज जस्टिस एल. नारायण स्वामी, जस्टिस संजय यादव और जस्टिस ऋतु रात अवस्थी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और रिटायर जज ब्यूरोक्रेट्स पंकज कुमार और अजय तिर्की शामिल हैं।