लद्दाख में कर्फ्यू में ढील, स्थानीय निवासियों को मिली राहत

लद्दाख में कर्फ्यू में ढील का असर
लेह शहर के लोग गुरुवार को कर्फ्यू में दी गई ढील का लाभ उठा रहे हैं। प्रशासन द्वारा दी गई इस छूट के चलते बाजार खुलने के बाद सड़कों पर वाहनों और पैदल चलने वालों की भीड़ बढ़ गई है। आज सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बाजार खुला रहेगा, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने में सक्षम हो रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "बाजार पिछले एक हफ्ते से बंद था।" यह विरोध प्रदर्शन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा था, जो पुलिस के साथ झड़पों में बदल गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार लद्दाख की सभी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत है और उन्होंने उम्मीद जताई कि समस्या जल्द सुलझ जाएगी। गुप्ता ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में शामिल लद्दाख के नेता प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं और वर्तमान स्थिति को देखते हुए, बातचीत की मेज पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा, "मैं पिछले दो महीनों से यहाँ हूँ और मैंने किसी भी बैठक को अस्वीकार नहीं किया है। लोग मेरी बात सुनते हैं और समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं।"
रोज़गार सृजन के प्रयास
उपराज्यपाल ने यह भी बताया कि प्रशासन रोजगार सृजन के लिए कदम उठा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, "हमने लगभग 1,000 पदों के लिए विज्ञापन दिया है। इसके अलावा, हम पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में लोगों को शामिल करने के लिए काम कर रहे हैं। यहाँ 18,000 एमएसएमई इकाइयाँ हैं, जिनमें 50,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं।"
सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
गुप्ता ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने उपराज्यपाल को क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। 24 सितंबर को हुई हिंसा में पुलिस की कार्रवाई में चार लोगों की जान चली गई थी, जब प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय में आग लगा दी थी।