लखीमपुर खीरी में पुलिस विवाद: हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस की हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सीओ की विवादास्पद टिप्पणियों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया।
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लखीमपुर खीरी में पुलिस विवाद: हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शन

पुलिस विवाद का मामला


सपा प्रमुख अखिलेश यादव: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। एक व्यक्ति की हिरासत में मौत के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित भीड़ ने हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। मृतक के परिजन प्रशासन से कई मांगें कर रहे थे, लेकिन सीओ ने उन पर भड़कते हुए प्रतिक्रिया दी। इस घटना का वीडियो सपा अध्यक्ष ने साझा किया है।


सीओ की विवादास्पद टिप्पणी

वायरल वीडियो में सीओ को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "ना तो मझगई थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना, और ना ही आपको 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। आप शव को जितने दिन चाहें रख सकते हैं।"


अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

क्या बोले अखिलेश यादव?


सपा प्रमुख ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि भाजपा एक हृदयहीन पार्टी है। उन्होंने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट किया।



हिरासत में मौत का कारण

कैसे हुई शख्स की मौत!


मझगईं थाने के हुलासीपुरवा गांव के निवासी रामचंद्र मौर्य की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि वह लकड़ियां बीनने के लिए घर से निकले थे। पुलिस ने उन्हें और उनके साथी को पकड़कर थाने ले गई। पुलिस का दावा है कि रामचंद्र अवैध शराब का कारोबार करता था और उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था।


परिजनों का आरोप है कि रामचंद्र को बुरी तरह पीटा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उसे निघासन सीएचसी ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।