लखनऊ जेल में साइबर ठग की खतरनाक साजिश: जज को भेजी हत्या की धमकी
लखनऊ जेल से उभरी एक अनोखी साजिश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जिला जेल से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो किसी थ्रिलर फिल्म की कहानी जैसी लगती है। 3700 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड के मुख्य आरोपी अनुभव मित्तल, जो पिछले नौ साल से जेल में हैं, ने एक पुलिस कांस्टेबल के मोबाइल का उपयोग करके इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज को धमकी भरा ईमेल भेजा। ईमेल में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि, "लखनऊ बेंच के एक जज की हत्या होने वाली है।" हालांकि, यह साजिश किसी बड़े अपराध की बजाय जेल के अंदर की व्यक्तिगत रंजिश से प्रेरित थी, जिसमें मित्तल ने अपने साथी कैदी को फंसाने की कोशिश की।
साइबर ठगी का मास्टरमाइंड
अनुभव मित्तल एक साधारण अपराधी नहीं हैं। फरवरी 2017 से लखनऊ जेल में बंद, यह शातिर साइबर ठग फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम के जरिए देशभर के लगभग सात लाख निवेशकों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मास्टरमाइंड माना जाता है। उनके खिलाफ देशभर में 324 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें धोखाधड़ी, साइबर क्राइम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। उनकी पत्नी आयुषी मित्तल और पिता सुनील मित्तल भी इस घोटाले में शामिल हैं। मित्तल की जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज हो चुकी हैं, लेकिन जेल की दीवारें उनकी शरारतों को नहीं रोक पाईं।
4 नवंबर का खतरनाक ड्रामा
यह घटना 4 नवंबर को हुई। अनुभव मित्तल को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। पेशी के दौरान लखनऊ पुलिस के कांस्टेबल अजय कुमार ने अपना मोबाइल फोन मित्तल को केस स्टेटस चेक करने के बहाने दिया, लेकिन मित्तल ने इसका गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कांस्टेबल के फोन पर एक नई ईमेल आईडी बनाई और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज को धमकी भरा ईमेल भेज दिया। ईमेल में न केवल जज की हत्या की धमकी दी गई, बल्कि हत्या की साजिश का आरोप जेल में बंद एक अन्य कैदी आनंदेश्वर अग्रहरि पर भी लगाया गया।
जेल में विवाद और साजिश का खुलासा
पुलिस पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि यह पूरी साजिश अनुभव मित्तल की व्यक्तिगत रंजिश से उपजी थी। जेल के अंदर आनंदेश्वर अग्रहरि से उनका विवाद हो गया था। मित्तल ने सोचा कि आनंदेश्वर को फंसाकर न केवल बदला लिया जाएगा, बल्कि जेल प्रशासन पर भी दबाव डाला जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "अनुभव मित्तल ने चालाकी से कांस्टेबल को भरोसा दिलाया कि वह केवल स्टेटस चेक कर रहा है, लेकिन असल में उसने एक साजिश रची।" कांस्टेबल अजय कुमार ने भी स्वीकार किया कि उसे मित्तल की मंशा का अंदाजा नहीं था।
अनुभव मित्तल और कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई
इस घटना के बाद गोसाईंगंज थाने में अनुभव मित्तल और कांस्टेबल अजय कुमार के खिलाफ आईटी एक्ट, आपराधिक धमकी और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जेल प्रशासन ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें जेल में मोबाइल फोन की स्मगलिंग और कैदियों की निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं। साइबर सेल ने मित्तल के फोन एक्सेस और ईमेल ट्रेल की गहन जांच की, जो अब कोर्ट में पेश की जाएगी।
