रोहिणी आचार्य ने राजनीति से लिया संन्यास, राजद की हार पर जताया दुख
रोहिणी आचार्य, लालू प्रसाद यादव की बेटी, ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बाद राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने परिवार से नाता तोड़ने की भी घोषणा की है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे गरीबों की आवाज़ उठाते रहेंगे। तेजस्वी यादव की स्थिति भी इस चुनाव में चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां पार्टी केवल 25 सीटों पर सिमट गई। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की कहानी।
| Nov 15, 2025, 15:49 IST
रोहिणी आचार्य का राजनीतिक सफर समाप्त
लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन, रोहिणी आचार्य ने शनिवार को यह घोषणा की कि वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बाद राजनीति को अलविदा कह रही हैं और अपने परिवार से संबंध तोड़ रही हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है, इसलिए वह सभी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रही हैं। रोहिणी ने लिखा, 'मैं राजनीति छोड़ रही हूँ और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूँ... संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था... और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूँ।'
राजद की प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा चुनावों में हार के एक दिन बाद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। पार्टी ने एक पोस्ट में कहा कि यह गरीबों की पार्टी है और उनके मुद्दों को उठाने का कार्य जारी रखेगी। राजद ने एक्स पर हिंदी में लिखा, 'जनसेवा एक निरंतर प्रक्रिया है, यह एक अंतहीन यात्रा है! हार में विषाद नहीं, जीत में अहंकार नहीं! राष्ट्रीय जनता दल गरीबों के बीच उनकी आवाज़ बुलंद करता रहेगा!'
तेजस्वी यादव की चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान, जब तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सहयोगियों की इच्छा के खिलाफ मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि राजद को इस तरह की हार का सामना करना पड़ेगा। 25 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनने के 10 साल बाद, तेजस्वी यादव ने राजद के गढ़ राघोपुर से भाजपा के सतीश कुमार को हराकर जीत हासिल की, लेकिन पार्टी केवल 25 सीटों पर सिमट गई।
