रोहिणी आचार्य ने राजनीति और परिवार से लिया अलविदा, बिहार में मचा हड़कंप
रोहिणी आचार्य का बड़ा फैसला
रोहिणी आचार्य
बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल में हलचल तेज हो गई है। लालू प्रसाद यादव की बेटी और पार्टी की नेता रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने शनिवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस बात की जानकारी साझा की। रोहिणी ने लिखा कि वह न केवल राजनीति से अलविदा ले रही हैं, बल्कि अपने परिवार से भी नाता तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था और वह सभी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रही हैं।
रोहिणी आचार्य की इस बगावती घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल अचानक गरम हो गया है। उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही पार्टी से निष्कासित हो चुके हैं। तेज प्रताप ने इस चुनाव में अपनी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अब रोहिणी आचार्य के इस पोस्ट के बाद से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने संजय यादव का नाम लेते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।
संजय यादव का नाम पहले भी आया था
परिवार में चल रही आंतरिक कलह को लेकर संजय यादव का नाम पहले भी चर्चा में रहा है। उन्होंने पहले भी अपने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर ट्वीट किया था। तेज प्रताप ने भी संजय यादव के विवाद में अपनी बहन रोहिणी का समर्थन किया था। हाल ही में तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह आरजेडी में वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी बहन रोहिणी के साथ जो भी अपमान करेगा, उसके लिए वह सख्त रहेंगे।
Im quitting politics and Im disowning my family
This is what Sanjay Yadav and Rameez had asked me to do nd Im taking all the blames— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 15, 2025
तेजस्वी का संजय पर विश्वास
संजय यादव ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के मुख्य सलाहकार के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई। बिहार के चुनावी अभियान में संजय हर जगह तेजस्वी के साथ नजर आए। संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के निवासी हैं और तेजस्वी का उन पर काफी विश्वास है। ऐसे में संजय के नेतृत्व में आरजेडी का प्रदर्शन लालू परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। पार्टी को केवल 25 सीटों पर जीत मिली, जो कि बिहार की राजनीति में आरजेडी की सबसे बड़ी हार मानी जा रही है।
संजय और तेजस्वी की दोस्ती पुरानी है, जिससे तेजस्वी का उन पर भरोसा बढ़ा है। वहीं, रोहिणी आचार्य का राजनीति छोड़ने का निर्णय विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने और आरजेडी की हार पर उनके गुस्से को दर्शाता है। इस सब में उन्होंने संजय यादव का नाम भी लिया है।
