रोहिणी आचार्य ने खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहने पर बीजेपी को दिया जवाब

बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहने पर आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है। उन्होंने बीजेपी में शामिल कई कलाकारों के नाम गिनाते हुए सवाल उठाया कि क्या वे सच में नाचने वाले हैं। रोहिणी ने यह भी कहा कि बीजेपी में शामिल होने के बाद लोग कैसे बदल जाते हैं। इस विवाद ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जानें पूरी कहानी इस लेख में।
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रोहिणी आचार्य ने खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहने पर बीजेपी को दिया जवाब

बिहार चुनाव में बयानबाजी का दौर

रोहिणी आचार्य ने खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहने पर बीजेपी को दिया जवाब


बिहार में चुनाव प्रचार तेज हो गया है और इसी के साथ बयानबाजी भी जारी है। आरजेडी के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी ने भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को इस शब्द से संबोधित किया था, जिस पर आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बीजेपी में शामिल कई कलाकारों के नाम गिनाते हुए कहा कि क्या वे नाचने वाले हैं? उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए रैली में भीड़ जुटाने के लिए 'नचनिया' का सहारा लिया जा रहा है।


बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने खेसारी लाल यादव को 'नचनिया' कहा था। इस पर रोहिणी आचार्य ने पलटवार करते हुए कहा, 'वे दूसरों को नचनिया कहेंगे क्योंकि उनके पास कोई और नहीं है। मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत, सभी 'नचनिया' हैं।'


रोहिणी ने आगे कहा कि वे दूसरों को 'नचनिया' कहते हैं, लेकिन उनकी अपनी पार्टी एनडीए भीड़ इकट्ठा करने के लिए 'नचनिया' का उपयोग कर रही है। क्या उन्हें इस पर शर्म नहीं आती? उनके चेहरे का उपयोग भीड़ जुटाने के लिए किया जा रहा है। क्या वे सच में 'नचनिया' हैं? वे कलाकार हैं और उन्होंने देश के लिए योगदान दिया है।



बीजेपी में शामिल होने के बाद लोग कैसे बदल जाते हैं- रोहिणी

रोहिणी ने कहा कि हमारे सभी कलाकारों और अभिनेताओं ने देश में योगदान दिया है। इतनी अच्छी फिल्में बनती हैं। हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं। बीजेपी में सभी बुरे लोग आते हैं और अच्छे बन जाते हैं। सामूहिक बलात्कार करने वाला प्रज्वल रेवन्ना अब ठीक हैं। आसाराम बापू, राम रहीम, ये सभी लोग अच्छे हो गए हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि क्या कोई कलाकार को 'नचनिया' कह सकता है? यही भाषा वे इस्तेमाल करते हैं। भीड़ इकट्ठा करने के लिए उसी 'नचनिया' का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि कोई भी उनके चुनावी भाषण सुनने नहीं आ रहा है।