रेलवे अधिकारी की बेटी के खोए जूते: पुलिस ने महीनों तक की खोज

ओडिशा के डिविजनल रेलवे मैनेजर की बेटी के खोए जूते की खोज में पुलिस ने महीनों तक मेहनत की। यह मामला तब शुरू हुआ जब मानवी ने अपनी यात्रा के दौरान जूते खो दिए। पुलिस ने कई अधिकारियों को इस मामले में लगाया और अंततः डेढ़ महीने बाद जूते को ढूंढ निकाला। जानें इस अनोखी कहानी के पीछे की सच्चाई और पुलिस की मेहनत के बारे में।
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रेलवे अधिकारी की बेटी के खोए जूते: पुलिस ने महीनों तक की खोज

जूते की खोज में पुलिस की मेहनत

रेलवे अधिकारी की बेटी के खोए जूते... पुलिस ने महीनों तक खोज की, जानिए कहां मिले?


नई दिल्ली में, ओडिशा के डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की बेटी के जूते गायब हो गए थे। यह जानकर हैरानी होती है कि इस मामले की खोज में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) के अधिकारी शामिल हो गए। दरअसल, DRM विनीत सिंह की बेटी के जूते ट्रेन यात्रा के दौरान खो गए थे, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट ओडिशा के संबलपुर GRP में दर्ज कराई गई।


एक रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि यात्रा के दौरान एक महिला ने जूते चुरा लिए। इसके बाद GRP, RPF और IRCTC के अधिकारियों ने जूते की खोज में जुट गए। पुलिस ने जूते खोजने के लिए दिन-रात मेहनत की और दो मंडलों की रेलवे पुलिस को इस काम में लगाया। अंततः डेढ़ महीने की मेहनत के बाद जूते को ढूंढा गया, जिनकी कीमत लगभग दस हजार रुपये थी।


अब सोचिए, अगर किसी आम व्यक्ति का सामान ट्रेन में खो जाए तो क्या पुलिस इतनी मेहनत करती? शायद नहीं। लेकिन चूंकि यह मामला एक अधिकारी की बेटी का था, इसलिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी। अधिकारी की बेटी, मानवी, 3 जनवरी को दिल्ली से लखनऊ यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान उनके साथ एक अन्य महिला भी थी। मानवी ने बताया कि 4 जनवरी को सुबह लगभग पौने चार बजे वह महिला बरेली जंक्शन पर उतर गई। कुछ समय बाद उन्हें अपने जूते नहीं मिले, जिससे उन्हें उस महिला पर शक हुआ।


मानवी ने इस घटना की रिपोर्ट GRP में दर्ज कराई। इसके बाद संबलपुर GRP ने बरेली की रेलवे पुलिस के साथ मिलकर जूते की खोज शुरू की। पुलिस ने उस महिला को ढूंढ निकाला जो मानवी के साथ यात्रा कर रही थी। रेलवे टिकट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस महिला तक पहुंची। पता चला कि वह महिला पेशे से डॉक्टर हैं। हालांकि, उन्होंने मानवी के जूते पहनकर ट्रेन से उतरने की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि यह गलती से हुआ।