रेखा की संसद में अनुपस्थिति: एक रहस्य जो आज भी अनसुलझा है
रेखा, जो भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री हैं, ने अपने छह साल के राज्यसभा कार्यकाल में केवल 18 दिन ही संसद में उपस्थिति दर्ज कराई। इस लेख में हम जानेंगे कि उनके इस रहस्य के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। क्या यह राजनीतिक रुचि की कमी थी या कुछ और? रेखा की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं, जो आज भी अनुत्तरित हैं। जानें इस दिलचस्प कहानी के बारे में और रेखा के राजनीतिक सफर के बारे में।
Oct 9, 2025, 15:13 IST
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रेखा: संसद में अनुपस्थिति का रहस्य

रेखा: संसद में गैरहाजिरी का राज़
रेखा, जो अपने समय की सबसे आकर्षक अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं, जब उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया, तो मीडिया में उनके गानों की धूम मच गई। 2012 में, जब रेखा ने संसद में कदम रखा, तब उनके प्रशंसकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लेकिन यह भी सच है कि रेखा ने अपने छह साल के कार्यकाल में केवल 18 दिन ही संसद में उपस्थिति दर्ज कराई। इस पर लोगों ने सवाल उठाए कि आखिर रेखा इतनी कम क्यों आईं।
रेखा की संसद में उपस्थिति का रहस्य
रेखा की अनुपस्थिति का कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है। क्या उन्हें राजनीति में रुचि नहीं थी? या फिर उनके पास कोई और कारण था? यह सवाल आज भी अनुत्तरित है। रेखा का कार्यकाल 27 अप्रैल 2012 से 26 अप्रैल 2018 तक रहा, लेकिन उन्होंने अपने फेयरवेल पर भी भाग नहीं लिया। क्या यह नाराजगी थी या फिर किसी और कारण से?
राजनीतिक कारणों का प्रभाव
2012 में रेखा और सचिन तेंदुलकर का राज्यसभा में मनोनीत होना एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था। यह माना गया कि इससे यूपीए सरकार को लाभ होगा। रेखा को राजनीति में लाने का उद्देश्य तमिलनाडु में एक लोकप्रिय चेहरा पेश करना था। लेकिन रेखा ने सदन में अपनी उपस्थिति को लेकर निराश किया।
संसद में गॉसिप का माहौल
रेखा और जया बच्चन के बीच की राजनीतिक स्थिति ने भी गॉसिप को जन्म दिया। जया ने रेखा के शपथ ग्रहण के समय अपनी सीट बदल दी, ताकि दोनों एक फ्रेम में कैद न हो सकें। यह सब घटनाएं रेखा के लिए कितनी आहत करने वाली थीं, यह आज भी एक सवाल है।
फिल्म जगत से आए कई सितारों की संसद में उपस्थिति का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं रहा है। रेखा की तरह, कई अन्य सितारे भी संसद में कम ही आते थे।