रूस और उत्तर कोरिया की बढ़ती दोस्ती: पश्चिमी देशों के लिए नई चुनौती

रूस और उत्तर कोरिया के बीच हालिया मुलाकात ने दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा दी है। इस बैठक में किम जोंग उन ने रूस के यूक्रेन युद्ध में समर्थन देने का वादा किया, जिससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। जानें इस नई रणनीतिक साझेदारी के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभाव।
 | 
रूस और उत्तर कोरिया की बढ़ती दोस्ती: पश्चिमी देशों के लिए नई चुनौती

रूस-उत्तर कोरिया की नई रणनीतिक साझेदारी

रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंध अब एक नई गहराई में पहुंच चुके हैं, जिससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। हाल ही में, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देश अब केवल दोस्ती नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग भी कर रहे हैं।


यह बैठक उत्तर कोरिया के कलमा बीच रिसॉर्ट में आयोजित की गई, जहां लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का संदेश किम तक पहुंचाया। किम ने इस अवसर पर रूस के यूक्रेन युद्ध में समर्थन देने का वादा किया, यह दर्शाते हुए कि उत्तर कोरिया अब रूस के हर कदम का समर्थन करेगा।


Health News: जानिए एक्सपर्ट की राय…….’क्या रोज़ाना स्ट्रेचिंग और वॉक से हड्डियां फिट रहती हैं!



किम जोंग-उन ने यह स्वीकार किया कि प्योंगयांग और मॉस्को के बीच संबंध अब सामान्य दोस्ती से परे हैं, और दोनों देशों के बीच एक रणनीतिक गठबंधन का निर्माण हो चुका है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA के अनुसार, दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त कार्रवाई को बढ़ाने का निर्णय लिया है।


लावरोव ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई उनके खिलाफ गठबंधन बनाएगा, तो वे भी चुप नहीं बैठेंगे। इस प्रकार, रूस और उत्तर कोरिया एक नया राजनीतिक और सैन्य ब्लॉक बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।