रुपये की मजबूती: ट्रंप के टैरिफ का असर और बाजार की प्रतिक्रिया

ट्रंप का टैरिफ और रुपये की प्रतिक्रिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, तो यह उम्मीद की गई थी कि इससे भारतीय बाजार में हलचल मचेगी। हालांकि, ट्रंप का यह कदम अपेक्षित प्रभाव नहीं डाल सका। बुधवार को टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय रुपया 89 पैसे गिरा, लेकिन फिर से स्थिति में सुधार देखने को मिला। गुरुवार को, रुपये में डॉलर के मुकाबले 22 पैसे की वृद्धि हुई, जो एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
शेयर बाजार की स्थिति
शेयर बाजार में भी इसी तरह की हलचल देखी गई। बाजार खुलने के कुछ मिनटों में सेंसेक्स 800 अंक गिर गया, लेकिन बाद में स्थिति में सुधार हुआ। रुपये की स्थिति भी दिनभर में उतार-चढ़ाव का सामना करती रही। हालांकि, करेंसी बाजार के व्यापारी अभी भी सतर्क हैं।
रुपये में आई तेजी
ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने के बाद, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप के चलते, रुपये ने अपने सबसे निचले स्तर से 22 पैसे की वृद्धि की। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स के अनुसार, रुपये ने 87.58 प्रति डॉलर पर कारोबार समाप्त किया।
टैरिफ पर अनिश्चितता
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पाबारी ने कहा कि जब तक टैरिफ के बारे में स्पष्टता नहीं आती, रुपये पर दबाव बना रह सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि रुपये में सुधार तभी संभव है जब यह 87.20 के स्तर से नीचे टूटे।
रुपये की संभावित गिरावट
अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है। यदि रुपये पर दबाव बना रहा, तो यह 88 के स्तर तक गिर सकता है।
बाजार में गिरावट और डॉलर की मजबूती
घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 296.28 अंक गिरकर 81,185.58 पर बंद हुआ। डॉलर सूचकांक में भी 0.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी शेयरों की बिक्री की।