रिटायरमेंट की योजना बनाना हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बुढ़ापे में आर्थिक चिंताओं से मुक्त रह सकें। सही समय पर निवेश करना शुरू करना बेहद जरूरी है। हालांकि, कई लोग कुछ सामान्य गलतियों के कारण रिटायरमेंट के बाद वित्तीय समस्याओं का सामना करते हैं। इस लेख में, हम रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी कुछ प्रमुख गलतियों पर चर्चा करेंगे, जिनसे आपको बचना चाहिए।
केवल EPF पर निर्भर न रहें
रिटायरमेंट की योजना बनाते समय, कई लोग केवल EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) पर निर्भर हो जाते हैं। यह सोचकर कि यही उनके लिए पर्याप्त है, वे गलती कर जाते हैं। EPF में ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जो समय के साथ बदल सकती है। महंगाई को ध्यान में रखते हुए, केवल EPF पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसलिए, NPS (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली), म्यूचुअल फंड्स और अन्य पेंशन योजनाओं में भी निवेश करना चाहिए। इससे आपका रिटायरमेंट फंड मजबूत बना रहेगा और भविष्य में पैसे की कमी नहीं होगी।
देर से बचत और निवेश न करें
रिटायरमेंट प्लानिंग में एक बड़ी गलती यह है कि लोग बचत और निवेश की शुरुआत में देरी करते हैं। नौकरी मिलने के बाद, कई लोग सोचते हैं कि “अभी तो समय है”। लेकिन यह सोच उनकी सबसे बड़ी गलती बन जाती है। जितनी जल्दी आप बचत शुरू करेंगे, उतना ही जल्दी आपको लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि आप 25 वर्ष की आयु में हर महीने 5000 रुपये बचाते हैं और आपको 10% वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो 60 वर्ष की आयु तक आपके पास लगभग ₹1.9 करोड़ होंगे।
महंगाई को नजरअंदाज न करें
अक्सर लोग रिटायरमेंट फंड बनाते समय महंगाई को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। आज के 1 लाख रुपये की कीमत भविष्य में वैसी नहीं रहेगी। हर 20 से 25 वर्षों में, इसकी कीमत लगभग एक चौथाई रह जाती है। यदि आज आपका खर्च 50,000 रुपये प्रति माह है, तो 25 वर्षों बाद यह बढ़कर 2 लाख रुपये प्रति माह हो सकता है। इसलिए, रिटायरमेंट योजना बनाते समय खर्च का ध्यान रखना आवश्यक है।
