राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर समानता और न्याय का किया जिक्र

राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिसमें उन्होंने संविधान को केवल एक किताब नहीं, बल्कि नागरिकों के लिए एक पवित्र वादा बताया। उन्होंने सभी से अपील की कि संविधान पर किसी भी हमले को रोकने का संकल्प लें। वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने सत्तारूढ़ सरकार पर आरोप लगाया कि संविधान आज टुकड़े-टुकड़े हो रहा है। इस दिन का महत्व और कांग्रेस की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।
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राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर समानता और न्याय का किया जिक्र

संविधान दिवस पर राहुल गांधी का संदेश

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर जनता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने समानता और न्याय के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है, बल्कि यह देश के नागरिकों के लिए एक पवित्र वादा है। गांधी ने लोगों से अपील की कि वे संविधान पर किसी भी प्रकार के हमले को रोकने का संकल्प लें। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत का संविधान हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि चाहे कोई भी धर्म, जाति, क्षेत्र या भाषा का हो, उसे समानता, सम्मान और न्याय प्राप्त होगा। संविधान गरीबों और वंचितों के लिए एक सुरक्षा कवच है, यह उनकी ताकत है और हर नागरिक की आवाज़ है।


संविधान की सुरक्षा का संकल्प

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जब तक संविधान सुरक्षित है, तब तक हर भारतीय के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम संकल्प लें कि हम संविधान पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करना उनका कर्तव्य है और वे इसके खिलाफ होने वाले हर हमले के खिलाफ सबसे पहले खड़े रहेंगे। संविधान दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। जय हिंद, जय संविधान।


उदित राज का बयान

इस बीच, कांग्रेस नेता उदित राज ने सत्तारूढ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संविधान "आज टुकड़े-टुकड़े हो रहा है।" उन्होंने चेतावनी दी कि हम संविधान पर हमले नहीं होने देंगे। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए राज ने कहा कि आतंकवादी हमले कभी भी हो सकते हैं और संविधान विरोधी तत्व संविधान दिवस का ध्यान नहीं रखते। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


संविधान के महत्व का उत्सव

भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। यह दिन केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र, न्याय और समानता के सिद्धांतों के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कांग्रेस ने सभी राज्य इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे 26 नवंबर को 'संविधान बचाओ दिवस' के रूप में मनाएं।