राहुल गांधी ने मेक इन इंडिया पर उठाए सवाल, असली निर्माण की आवश्यकता पर जोर
राहुल गांधी ने लोकसभा में मेक इन इंडिया पहल की आलोचना करते हुए कहा कि भारत केवल उत्पादों की असेंबली कर रहा है, असली निर्माण नहीं। उन्होंने बताया कि अधिकांश टीवी के कलपुर्जे चीन से आते हैं और छोटे उद्यमियों को विनिर्माण में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह पहल सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाने में असफल रही है। उनका मानना है कि जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बनता, तब तक रोजगार और विकास की बातें केवल भाषण बनकर रह जाएंगी।
Jul 19, 2025, 15:13 IST
|

राहुल गांधी का बयान
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भारत को एक सच्ची विनिर्माण शक्ति बनाने के लिए आवश्यक बदलावों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत भारत केवल उत्पादों की असेंबली कर रहा है, असली निर्माण नहीं। गांधी ने एक पोस्ट में बताया कि भारत में निर्मित अधिकांश टीवी के 80 प्रतिशत कलपुर्जे चीन से आयात किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीति और समर्थन की कमी, भारी कराधान और कॉरपोरेट एकाधिकार छोटे उद्यमियों के लिए विनिर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
गांधी ने स्पष्ट किया कि मेक इन इंडिया के नाम पर केवल असेंबली की जा रही है, असली मैन्युफैक्चरिंग नहीं। उन्होंने कहा कि आईफ़ोन और टीवी जैसे उत्पादों के पुर्ज़े विदेशों से आते हैं, और हम केवल उन्हें जोड़ते हैं। छोटे उद्यमियों को निर्माण करने की इच्छा है, लेकिन न तो नीति है और न ही समर्थन। इसके विपरीत, भारी कर और कुछ कॉरपोरेट्स का एकाधिकार देश के उद्योग को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बनता, रोजगार और विकास की बातें केवल भाषण बनकर रह जाएंगी।
मोदी सरकार पर आरोप
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, गांधी ने मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पहल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को पुनर्जीवित करने में असफल रही है, जो 2014 में 15.3 प्रतिशत से घटकर 12.6 प्रतिशत हो गई है। यह पिछले 60 वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने यह भी बताया कि चीन पिछले एक दशक से बैटरी, रोबोट, मोटर और ऑप्टिक्स के क्षेत्र में काम कर रहा है और इस क्षेत्र में भारत से कम से कम दस वर्षों की बढ़त बनाए हुए है।