राहुल गांधी ने महू में की बड़ी रैली, मोदी सरकार पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने महू में एक बड़ी रैली में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने संविधान की रक्षा की आवश्यकता और गरीबों के अधिकारों की बात की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों को गुलाम बना रही है और अरबपतियों को लाभ पहुंचा रही है। रैली में उन्होंने बेरोजगारी, कर्ज और संविधान के प्रति हमलों पर भी चर्चा की। यह रैली राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और देश की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करती है।
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राहुल गांधी ने महू में की बड़ी रैली, मोदी सरकार पर साधा निशाना

महू में कांग्रेस की रैली

“Modi government is making SC-ST OBC slaves”, Rahul Gandhi roared in Mhow, Madhya Pradesh


इंदौर में, सोमवार को बाबासाहेब अंबेडकर की जन्मभूमि महू में कांग्रेस ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश में निजीकरण और कुछ अरबपतियों के समर्थन के लिए गरीबों को गुलाम बनाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से संविधान विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। राहुल ने संविधान की एक प्रतीक पुस्तक दिखाते हुए कहा कि यह केवल एक किताब नहीं है, बल्कि भारत की हजारों साल पुरानी सोच का प्रतीक है।


संविधान पर हमला

राहुल गांधी ने आगे कहा कि पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, बल्कि सच्ची आजादी मोदी जी के आने के बाद मिली। यह संविधान पर सीधा हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संविधान समाप्त हो गया, तो दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि अडानी और अंबानी जैसे अरबपतियों को सारा धन सौंपा जा रहा है। वर्तमान में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर है, और आम लोगों को अपने बच्चों की शादी के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।


अरबपतियों का कर्ज माफ

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह पैसा किसका था, और कहा कि यह आम लोगों की मेहनत का पैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम हो रही हैं।


बीजेपी की सोच

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की सोच है कि भारत को अरबपति चलाएंगे। उन्होंने बताया कि आजादी से पहले गरीबों, दलितों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे, और बीजेपी-आरएसएस वही स्थिति फिर से लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सेवाएं प्राइवेट हाथों में जा रही हैं, जिससे गरीबों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


दलित राष्ट्रपति का अपमान

राहुल ने यह भी कहा कि भाजपा का दावा है कि राम मंदिर बनने के बाद दूसरी आजादी मिली, लेकिन मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब, दलित या मजदूर-किसान को नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि संसद के उद्घाटन में दलित राष्ट्रपति को भी अंदर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि देश के धन का अधिकांश हिस्सा कुछ बड़े बिजनेसमैन के हाथों में है, जिनमें से कोई भी एससी-एसटी या ओबीसी नहीं है।