राहुल गांधी ने महिला पत्रकारों के बहिष्कार पर मोदी सरकार को घेरा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उन्होंने इसे नारी शक्ति के प्रति मोदी के नारों का खोखलापन बताया। प्रियंका गांधी वाद्रा और जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक निहितार्थ।
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राहुल गांधी ने महिला पत्रकारों के बहिष्कार पर मोदी सरकार को घेरा

महिला पत्रकारों के बहिष्कार पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के एक संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारी शक्ति के नारों का 'खोखलापन' उजागर करने वाला बताया।


गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि वह महिलाओं के लिए खड़े होने में असमर्थ हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री इस समय भारत के दौरे पर हैं।


उन्होंने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की और बाद में एक अलग संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल नहीं होने दिया गया।


लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को एक सार्वजनिक मंच से बाहर रखते हैं, तो आप भारत की हर महिला को यह संदेश दे रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े नहीं हो सकते।'


उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव पर आपकी चुप्पी नारी शक्ति के प्रति आपके नारों की वास्तविकता को उजागर करती है।


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी से तालिबान के प्रतिनिधि के संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों को दूर रखने पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया।


उन्होंने कहा, 'यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता केवल चुनावों के बीच का दिखावा नहीं है, तो कैसे भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान सहन किया गया?'


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि तालिबान में महिला पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाना चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है, और यह सब अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली में हुआ।