राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में धांधली के आरोप लगाए

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने मतदान प्रतिशत में विसंगतियों और फर्जी मतदाताओं के जोड़ने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, सवाल उठाते हुए कि भाजपा को इन सवालों का जवाब क्यों देना चाहिए। गांधी ने सोशल मीडिया पर चुनाव में अनियमितताओं के बारे में विस्तार से बताया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और क्या है कांग्रेस का अगला कदम।
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राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में धांधली के आरोप लगाए

राहुल गांधी के ट्वीट पर पवन खेड़ा की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के महाराष्ट्र और बिहार चुनावों पर किए गए ट्वीट के संदर्भ में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपनी बात रखी। खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी के उठाए गए सवाल भारत के चुनाव आयोग के लिए हैं, और भाजपा को इनका उत्तर क्यों देना चाहिए? उन्होंने स्पष्ट किया कि 2019 से 2024 के बीच महाराष्ट्र में 31 लाख नए मतदाता जुड़े, तो पांच महीने में 41 लाख नए मतदाता कैसे जुड़ सकते हैं?


मतदान प्रतिशत में विसंगतियां

खेड़ा ने यह भी बताया कि शाम 5 बजे 58.22 प्रतिशत मतदान का अनंतिम आंकड़ा दिखाया गया, जबकि अंतिम मतदान 66 प्रतिशत था। उन्होंने सवाल उठाया कि 8 प्रतिशत की वृद्धि कैसे संभव है? इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वीडियोग्राफी उपलब्ध नहीं कराई गई और यह भी कि उन 12,000 बूथों से नए मतदाता कैसे आ सकते हैं, जहां भाजपा लोकसभा चुनाव हार गई थी।


राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का एक खाका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह 'मैच फिक्सिंग' अब बिहार में भी देखने को मिलेगी। गांधी ने जोर देकर कहा कि ऐसे चुनाव लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर चुनाव में अनियमितताओं के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया और मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।


चुनाव की चोरी का आरोप

गांधी ने 'दैनिक जागरण' और 'द इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित लेख की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।' उन्होंने अपने लेख में बताया कि कैसे यह साजिश रची गई, जिसमें निर्वाचन आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति पर कब्जा करना, फर्जी मतदाताओं को जोड़ना, और सबूतों को छिपाना शामिल है।