राहुल गांधी ने भाजपा की नीतियों पर उठाए सवाल, वैश्य समुदाय का समर्थन किया

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना की है, जो छोटे व्यवसायों, विशेषकर वैश्य समुदाय को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने इस समुदाय के संघर्षों पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे सरकार की नीतियों का नकारात्मक प्रभाव बताया। राहुल ने एकाधिकार को बढ़ावा देने और छोटे व्यापारियों पर बोझ डालने का आरोप लगाया। इसके अलावा, उन्होंने एक विधेयक पर चर्चा न करने के लिए सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया, जिसे उन्होंने विनाशकारी बताया।
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राहुल गांधी ने भाजपा की नीतियों पर उठाए सवाल, वैश्य समुदाय का समर्थन किया

राहुल गांधी की आलोचना

कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की, जो उनके अनुसार छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचा रही हैं, विशेष रूप से वैश्य समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने वैश्य समुदाय को अपना पूरा समर्थन देते हुए इसे भाजपा की सामंती सोच के खिलाफ एक संघर्ष बताया। उन्होंने इस समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की और इसे सरकारी नीतियों के नकारात्मक प्रभाव के रूप में देखा।


व्यापार जगत की चिंताएँ

X पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि हमारा व्यवसाय संकट में है - वैश्य समुदाय की यह पीड़ा हमें गहराई से प्रभावित करती है। इस समुदाय ने हमेशा देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और आज उनकी निराशा एक चेतावनी है। सरकार ने एकाधिकारों को बढ़ावा दिया है और छोटे व्यापारियों को नौकरशाही और गलत जीएसटी जैसी नीतियों के जाल में फंसा दिया है।


भाजपा पर आरोप

राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह एकाधिकार को बढ़ावा दे रही है और छोटे व्यापारियों पर नौकरशाही और दोषपूर्ण नीतियों का बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल नीतिगत विफलता नहीं है, बल्कि यह उत्पादन, रोजगार और भारत के भविष्य पर एक सीधा हमला है। यह भाजपा सरकार की सामंती मानसिकता के खिलाफ एक लड़ाई है, और मैं वैश्य समुदाय के साथ पूरी ताकत से खड़ा हूं।


सरकार पर विधेयक को लेकर आरोप

इस बीच, राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (VB-G RAM-G विधेयक) पर संसद में चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक विकास लाने के लिए नहीं, बल्कि विनाश लाने के लिए है, जिसकी कीमत भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर चुकानी पड़ेगी। गांधी ने कहा कि कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं, संसद में कोई विचार-विमर्श नहीं, और राज्यों की कोई सहमति नहीं - मोदी सरकार ने एमजीएनआरईजीए और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोजर चला दिया है। यह विकास नहीं, बल्कि विनाश है, जिसकी कीमत लाखों मेहनतकश भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर चुकानी पड़ेगी।