राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में जीवन के खतरे की दी जानकारी

राहुल गांधी ने पुणे की अदालत में अपने जीवन को लेकर खतरे की जानकारी दी है। उन्होंने शिकायतकर्ताओं के वंश के कारण अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंकाएं व्यक्त की हैं। इसके साथ ही, उन्होंने मानहानि मामले में राज्य से सुरक्षा की मांग की है। यह मामला तब शुरू हुआ जब गांधी ने लंदन में एक भाषण में सावर्कर के लेखन का उल्लेख किया था। अदालत में अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
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राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में जीवन के खतरे की दी जानकारी

राहुल गांधी का सुरक्षा संबंधी बयान

बुधवार को राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से पुणे की अदालत में बताया कि उन्हें शिकायतकर्ताओं के वंश के कारण जीवन के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।


उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उनकी सुरक्षा और मामले की निष्पक्षता को लेकर उनकी 'गंभीर आशंकाओं' पर ध्यान दिया जाए।


राहुल गांधी ने विशेष अदालत से, जो उनके मानहानि मामले की सुनवाई कर रही है, यह भी कहा कि उन्हें राज्य से सुरक्षा की आवश्यकता है।


उनकी दायर की गई याचिका में उल्लेख किया गया है कि 29 जुलाई को प्रस्तुत एक लिखित बयान में, सत्या की सावर्कर ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि वह नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के सीधे वंशज हैं, जो महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य आरोपी हैं।


याचिका में गांधी के हालिया राजनीतिक हस्तक्षेपों का भी विवरण दिया गया है, जिसमें 11 अगस्त को संसद में 'वोट चोर सरकार' का नारा शामिल है, और उन्होंने चुनावी अनियमितताओं के आरोपों के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं।


अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।


सावर्कर ने गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला तब दायर किया जब उन्होंने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण में सावर्कर के लेखन में एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें सावर्कर और अन्य ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया था।


सावर्कर ने अदालत में यह दावा किया कि ऐसे विवरण उनके प्रकाशित कार्यों में नहीं हैं और उन्होंने कहा कि गांधी के बयान झूठे और भ्रामक हैं।