राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में गोलाबारी से प्रभावित बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया
राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने माता-पिता को खो चुके 22 बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस त्रासदी के बारे में बात करते हुए प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को समझा। राहुल ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे। जानें इस मानवीय कदम के पीछे की कहानी और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में क्या हुआ।
Jul 29, 2025, 12:16 IST
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राहुल गांधी का मानवीय कदम
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उन 22 बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में अपने माता-पिता को खो दिया। इससे पहले, मई में, उन्होंने पुंछ में शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की थी। अपनी यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने इस गोलाबारी को एक गंभीर त्रासदी बताया, जिसमें कई लोगों की जान गई और व्यापक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उनकी चिंताओं को समझा है। उन्होंने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया है।
गोलाबारी की गंभीरता
राहुल गांधी ने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी थी और कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने लोगों से बात की और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया। प्रभावित लोगों ने उनसे इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अनुरोध किया है, और उन्होंने वादा किया कि वह ऐसा करेंगे। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास कई क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की, जिसका भारतीय सेना ने प्रभावी तरीके से जवाब दिया। मई में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य हमलों के बाद पाकिस्तानी गोलाबारी की तीव्रता बढ़ गई थी।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
पहलगाम में आतंकी हमले का प्रतिशोध लेने के लिए, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके भी शामिल था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों के नरसंहार के दो हफ्ते बाद की गई थी।