राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि 300 सांसदों को दस्तावेज पेश करने से रोका गया। उन्होंने इस मुद्दे को संविधान और वोट के अधिकार से जोड़ा। दिल्ली पुलिस ने चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया। जानें इस राजनीतिक संघर्ष की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
 | 
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर फिर से तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक है। 300 सांसद एक दस्तावेज पेश करने के लिए चुनाव आयोग से मिलने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। वे इस स्थिति से भयभीत हैं। यदि 300 सांसद एकत्रित होते हैं और उनकी सच्चाई उजागर होती है, तो क्या होगा? यह संघर्ष अब केवल राजनीतिक नहीं रह गया है, बल्कि यह संविधान और एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत के लिए है। 


 


विपक्ष की एकजुटता


कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक में हमने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि यह मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट का मामला है। पूरा विपक्ष इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है। अब चुनाव आयोग के लिए अपनी स्थिति छिपाना कठिन होगा। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनका (चुनाव आयोग का) डेटा है, न कि मेरा। मैं उस डेटा पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा। इसे अपनी वेबसाइट पर डालें, और आपको सच्चाई का पता चल जाएगा। यह सब केवल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। यह केवल बेंगलुरु में नहीं, बल्कि कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानता है कि उसका डेटा उजागर होगा। जो वे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, उसे हम सामने लाएंगे। 


 


इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि उसने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने वाले विपक्षी दलों के 30 से अधिक सांसदों को हिरासत में लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए सांसदों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष शामिल हैं। 


 


पुलिस की कार्रवाई


पुलिस ने कहा कि विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया क्योंकि निर्वाचन आयोग ने केवल 30 सांसदों को अपने परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी, जबकि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में थे। पुलिस ने बताया कि किसी ने भी निर्वाचन आयोग से विरोध मार्च की अनुमति नहीं मांगी थी। विपक्षी नेताओं ने संसद भवन के मकर द्वार से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी, जहां वे आयोग को एसआईआर मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे।