राहुल गांधी ने किसानों की आत्महत्या पर मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीन है और उनकी कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। राहुल ने कहा कि पिछले तीन महीनों में 767 किसानों ने आत्महत्या की है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे सरकार बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर देती है, जबकि किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती।
Jul 3, 2025, 12:27 IST
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किसानों की आत्महत्या पर राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीन है, जबकि किसान लगातार कर्ज में डूबते जा रहे हैं। राहुल ने एक पोस्ट में आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की कर्ज माफी और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांगों को नजरअंदाज किया है।
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि सोचिए, महज तीन महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या की। क्या यह सिर्फ एक आंकड़ा है? नहीं, ये 767 उजड़े हुए घर हैं, 767 परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे। और सरकार? चुप है। बेरुख़ी से देख रही है। उन्होंने आगे कहा कि किसान हर दिन कर्ज में और गहराई में जा रहा है - बीज, खाद और डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन MSP की कोई गारंटी नहीं है। जब किसान कर्ज माफी की मांग करते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज़ कर दिया जाता है। वहीं, जिनके पास करोड़ों हैं, उनके लोन मोदी सरकार आसानी से माफ कर देती है। आज की खबर में अनिल अंबानी का ₹48,000 करोड़ का SBI “फ्रॉड” सामने आया है।
सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे, लेकिन आज स्थिति यह है कि अन्नदाता की ज़िंदगी आधी हो रही है। यह सिस्टम किसानों को चुपचाप मार रहा है, जबकि मोदी जी अपने PR का तमाशा देख रहे हैं। बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्य में किसानों की आत्महत्या और सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को बकाया भुगतान न किए जाने के मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा से दो बार वॉकआउट किया।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने विधानसभा में कहा कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या की। उन्होंने बताया कि 200 मामलों को सहायता के लिए अयोग्य घोषित किया गया, जबकि 194 मामलों में जांच अभी भी लंबित है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए एक्स पर एक चार्ट साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि एनसीपी-कांग्रेस सरकार के 15 साल के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में 55,928 किसानों ने आत्महत्या की।