राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, लेकिन मिली कड़ी चेतावनी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, लेकिन अदालत ने उन्हें गंभीर चेतावनी भी दी है। कोर्ट ने लखनऊ की ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगाते हुए तीन हफ्तों में जवाब मांगा है। यह मामला उनके 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिए गए बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की पिटाई का आरोप लगाया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ।
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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, लेकिन मिली कड़ी चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय


नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर की गई एक विवादास्पद टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली है, लेकिन अदालत ने उन्हें गंभीर चेतावनी भी दी है। कोर्ट ने लखनऊ की ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन पर रोक लगाते हुए राहुल गांधी से तीन हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है। यह मामला दिसंबर 2022 में उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिए गए एक बयान से संबंधित है।


सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट का सवाल: 'सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा'


सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। जब सीमा पर कोई विवाद हो, तो क्या आप ऐसी बातें कह सकते हैं?" कोर्ट ने उनके बयान की समय और तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें ऐसी बातें सोशल मीडिया पर कहने के बजाय संसद में उठानी चाहिए थी। अदालत ने कहा, "आपके पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन आप एक जिम्मेदार नेता हैं।"


राहुल गांधी का विवादित बयान

राहुल गांधी का बयान क्या था?


यह मानहानि का मामला राहुल गांधी के उस बयान पर आधारित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक "अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं।" यह टिप्पणी उन्होंने 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मीडिया चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जा करने या भारतीय सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछता।


राहुल गांधी ने इस मामले में लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने के लिए पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।