राहुल गांधी के मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों को चुनाव आयोग ने किया खारिज

भारतीय चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें गलत और निराधार बताया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी वोट को ऑनलाइन हटाना संभव नहीं है और मतदाता सूची में बदलाव के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में नाम हटाने के विवाद पर आयोग ने कहा कि उसने पहले ही विसंगतियों की पहचान की थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण।
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राहुल गांधी के मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों को चुनाव आयोग ने किया खारिज

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों को "गलत और निराधार" बताते हुए खारिज कर दिया है। आयोग ने एक बयान में कहा कि राहुल गांधी के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी वोट को ऑनलाइन हटाना संभव नहीं है, जैसा कि राहुल गांधी ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। 


मतदाता सूची में बदलाव की प्रक्रिया

आयोग ने यह भी बताया कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। बिना प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए किसी का नाम नहीं हटाया जा सकता। कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में नाम हटाने के विवाद पर आयोग ने कहा कि पिछले वर्ष उसने खुद विसंगतियों की पहचान की थी। बयान में कहा गया है कि 2023 में, अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास हुए थे, जिसके लिए ईसीआई ने स्वयं एक प्राथमिकी दर्ज की थी।


चुनाव आयोग का निर्वाचन क्षेत्र का इतिहास

आयोग ने अलंद विधानसभा क्षेत्र के चुनावी इतिहास पर भी जानकारी दी। रिकॉर्ड के अनुसार, इस क्षेत्र में 2018 में सुभाध गुट्टेदार (भाजपा) और 2023 में बीआर पाटिल ने चुनाव जीते थे। इससे पहले, चुनाव आयोग के सूत्रों ने राहुल गांधी की मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर की गई टिप्पणियों को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि उन्होंने केवल छह महीने पहले कार्यभार संभाला है, इसलिए पिछले साल की कथित अनियमितताओं के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।