राहुल गांधी के चुनावी आरोपों पर योगेंद्र यादव का समर्थन, चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे सवाल

राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने राहुल गांधी के चुनावी आरोपों का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर लोकसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। गांधी ने नए मतदाताओं की संख्या को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि यादव ने चुनाव आयोग की भूमिका पर चिंता जताई है। इस विवाद में चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी और मतदाता सूची की अनियमितताओं की जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव।
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राहुल गांधी के चुनावी आरोपों पर योगेंद्र यादव का समर्थन, चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे सवाल

राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन

राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा लगाए गए मतदाता सूची में हेराफेरी के गंभीर आरोपों का समर्थन किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि गांधी द्वारा प्रस्तुत आंकड़े चुनाव आयोग में जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकते हैं। शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित 'वोट अधिकार रैली' में, गांधी ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में धांधली की और चुनाव आयोग पर इस प्रक्रिया में सहयोग देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा दाखिल करने के लिए कह रहा है, जबकि मैंने पहले ही संसद में संविधान की शपथ ली है।


गांधी के दावे और यादव की प्रतिक्रिया

गांधी ने यह आरोप लगाया कि एक करोड़ नए मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लिया, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट दिया। उनका कहना था कि इन्हीं मतदाताओं ने भाजपा को अप्रत्याशित जीत दिलाने में मदद की। गांधी ने कहा कि जहां भी इन नए मतदाताओं ने वोट डाला, भाजपा ने जीत हासिल की। हमारे गठबंधन के वोटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया, जो लोकसभा चुनाव के आंकड़ों से मेल खाता है।

योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में गांधी के दावों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने भारत की चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग की ईमानदारी का समर्थन किया है, लेकिन अब सबूतों की गहन जांच की आवश्यकता है। यादव ने कहा कि उन्होंने कई देशों में भारतीय चुनाव आयोग की प्रशंसा की है। कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में, राहुल गांधी ने दिखाया कि एक लाख से अधिक वोट फर्जी थे, और मतदाता सूची में 15-20% नाम गलत थे। यह कोई मामूली अनियमितता नहीं है।


अनियमितताओं पर यादव की चिंताएं

यादव ने स्वीकार किया कि उन्हें लंबे समय से चुनावी अनियमितताओं का संदेह था, लेकिन बिना ठोस आंकड़ों के कुछ कहने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों के बाद उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है, लेकिन उनके पास सबूत नहीं थे। अब राहुल गांधी ने जो सबूत पेश किए हैं, उन्होंने जांच की मांग की है। उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना की कि वह राहुल गांधी से हलफनामा मांगने के बजाय सबूतों की जांच क्यों नहीं कर रहा। एक विश्वसनीय चुनाव आयोग को सबूतों की जांच करनी चाहिए, मतदाता सूचियों को सही करना चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। इसके बजाय, वह विपक्ष के नेता को धमका रहा है, जिससे उनके संदेह की पुष्टि होती है।