राहुल गांधी के चुनावी आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि वह तब तक जवाब नहीं देगा जब तक औपचारिक संचार नहीं किया जाता। गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि आयोग ने मतदाता गोपनीयता की रक्षा का हवाला दिया है। जानें पूरी कहानी और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया के बारे में।
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राहुल गांधी के चुनावी आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग की स्थिति

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनावी धांधली के आरोप लगाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा है कि वह तब तक जवाब नहीं देगा जब तक गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में औपचारिक रूप से संपर्क नहीं करते। आयोग के सूत्रों के अनुसार, चुनाव के बाद की गतिविधियों के तहत, उन्होंने मई में सभी छह राष्ट्रीय दलों से बातचीत की थी। जबकि अन्य पांच दलों ने आयोग से मुलाकात की, कांग्रेस ने 15 मई को अपनी बैठक रद्द कर दी।


गांधी की आलोचना और आयोग का जवाब

शनिवार को, गांधी ने चुनाव आयोग की आलोचना को और बढ़ाते हुए उस पर गंभीर आरोपों से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने एक लेख में महाराष्ट्र चुनाव में 'मैच फिक्सिंग' का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि भाजपा की हार वाले स्थानों पर ऐसी धांधली हो सकती है। इसके जवाब में, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि मतदान केंद्रों से सीसीटीवी फुटेज की मांग करना गलत है। आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार, ये फुटेज सुरक्षित रखी जाती हैं और चुनाव याचिका दायर होने पर उच्च न्यायालय द्वारा जांच की जा सकती हैं।


मतदाता गोपनीयता का मुद्दा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह चुनाव प्रक्रिया की अखंडता और मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए आवश्यक है। राहुल गांधी मतदाताओं की गोपनीयता का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं, जबकि चुनाव आयोग का यह कानूनी दायित्व है?" सूत्रों ने यह भी बताया कि गांधी का मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ का आरोप अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के बूथ स्तर के एजेंटों पर संदेह पैदा करता है। अधिकारी ने कहा, "उन्हें सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने के बजाय अदालतों और चुनाव कानून के तहत उपलब्ध कानूनी उपायों पर भरोसा करना चाहिए।"