राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा का जवाब: विदेशी नेताओं से मुलाकातें और जिम्मेदारी का सवाल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को उनसे मिलने से रोकती है। भाजपा ने इस दावे को निराधार बताते हुए राहुल गांधी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी ने पिछले डेढ़ साल में कई विदेशी नेताओं से मुलाकात की है। इस बीच, सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि विदेशी नेताओं की मुलाकातें उनके कार्यक्रम पर निर्भर करती हैं। इस लेख में राहुल गांधी के आरोपों और भाजपा की प्रतिक्रिया का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
| Dec 5, 2025, 13:16 IST
राहुल गांधी का आरोप और भाजपा का खंडन
कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को उनसे मिलने से रोकती है। इस पर भाजपा और सरकार ने इसे निराधार बताते हुए राहुल गांधी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में राहुल गांधी ने न्यूजीलैंड, मॉरीशस, मलेशिया और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्षों सहित कम से कम पांच विदेशी नेताओं से मुलाकात की है।
राहुल गांधी का बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘सरकार अपनी असुरक्षा के कारण विदेशी नेताओं को कहती है कि वे विपक्ष के नेता से न मिलें।’’ उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय में विदेशी नेता विपक्ष के नेता से मिलते थे। भाजपा ने इस आरोप का खंडन करते हुए राहुल गांधी की जिम्मेदारी निभाने की शैली पर गंभीर सवाल उठाए। भाजपा नेताओं ने याद दिलाया कि राहुल गांधी कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोहों में अनुपस्थित रहे, जबकि एक जिम्मेदार नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनकी उपस्थिति अपेक्षित थी।
राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर सवाल
राहुल गांधी इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले नहीं गए थे, न ही नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। हाल ही में, देश के नए प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में भी उनकी अनुपस्थिति रही। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जो व्यक्ति राष्ट्रीय संवैधानिक आयोजनों का सम्मान नहीं करता, वह सरकार पर दायित्व न निभाने का आरोप कैसे लगा सकता है?
भाजपा प्रवक्ता का विवरण
भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने राहुल गांधी की जिन बैठकों का उल्लेख किया है, उनमें 10 जून 2024 को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, 21 अगस्त 2024 को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, 8 मार्च 2025 को न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, 16 सितंबर 2025 को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और 1 अगस्त 2024 को वियतनाम के प्रधानमंत्री से मुलाकात शामिल है। इनमें से कई मुलाकातों में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी उपस्थित थीं।
सरकारी सूत्रों का स्पष्टीकरण
सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि किसी विदेशी नेता की विपक्ष से मुलाकात उनके कार्यक्रम और इच्छा पर निर्भर करती है, न कि सरकार के निर्देश पर। सूत्रों का कहना है कि रूस इस समय नाजुक स्थिति में है, इसलिए संभवतः उसके नेता राहुल गांधी से नहीं मिलना चाहते, क्योंकि उन्होंने कई बार गैर-जिम्मेदार टिप्पणियाँ की हैं।
राहुल गांधी के दावों की विश्वसनीयता
राहुल गांधी का यह दावा कि सरकार विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को उनसे दूर रखती है, तथ्यों के आधार पर सही नहीं ठहरता। संसद में नेता प्रतिपक्ष का पद अपेक्षा करता है कि वह परिपक्वता और संविधानिक परंपराओं का पालन करें। लेकिन उनके कार्य व्यवहार में अक्सर अनियमितता देखने को मिलती है। स्वतंत्रता दिवस, उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण और नए प्रधान न्यायाधीश के शपथ समारोह में उनकी अनुपस्थिति यह सवाल उठाती है कि क्या राहुल गांधी अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाना चाहते हैं या केवल राजनीतिक शोर मचाने का प्रयास कर रहे हैं।
भारत की विश्व राजनीति में भूमिका
यह सच है कि भारत की विश्व राजनीति में भूमिका लगातार बढ़ रही है। ऐसे समय में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह विदेश नीति पर देश की एकता और परिपक्वता का संदेश दें, न कि अपनी बातों से भ्रम फैलाएँ।
