राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा: कटिहार में मखाना किसानों से मुलाकात

राहुल गांधी ने अपनी 'मतदाता अधिकार यात्रा' के तहत कटिहार में मखाना किसानों से मुलाकात की। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची में अनियमितताओं के बारे में जागरूकता फैलाना है। तेजस्वी यादव ने इसे नीतीश कुमार का अंतिम चुनाव बताया। राहुल ने सोशल मीडिया पर मौजूदा सरकार को 'चोरी' से बनी सरकार करार दिया। यात्रा 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। जानें इस यात्रा के बारे में और क्या कुछ कहा गया।
 | 
राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा: कटिहार में मखाना किसानों से मुलाकात

राहुल गांधी की यात्रा का उद्देश्य

कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी 'मतदाता अधिकार यात्रा' के दौरान शनिवार को कटिहार में मखाना किसानों से मुलाकात की। तस्वीरों में उन्हें किसानों के साथ तालाब में उतरते और बातचीत करते देखा जा सकता है। बिहार मखाना उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां भारत के कुल मखाना का लगभग 80 प्रतिशत उत्पादन होता है। इससे पहले, शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, जो भागलपुर में राहुल के साथ यात्रा में शामिल थे, ने कहा कि यह नीतीश कुमार के लिए अंतिम चुनाव होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कुमार फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।


तेजस्वी यादव का बयान

तेजस्वी यादव ने रैली में कहा कि यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है और उन्होंने लोगों से एकजुट होकर बदलाव के लिए वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, "आपको असली मुख्यमंत्री चाहिए या नकली?" इसके साथ ही, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि 'मतदाता अधिकार यात्रा' ने लोगों को जागरूक किया है और मौजूदा सरकार को जनादेश नहीं, बल्कि "चोरी" से स्थापित किया गया है।


राहुल गांधी का सोशल मीडिया पोस्ट

राहुल ने अपने पोस्ट में लिखा, "वोट चोर सरकार को देखिए - यह बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ गुस्सा है। यह आक्रोश दो दशकों की गरीबी और पलायन के ख़िलाफ़ है। यह क्रांति मताधिकार की चोरी के ख़िलाफ़ है। यह एक जन आंदोलन है - लोग जाग गए हैं और समझ गए हैं कि चोरी से बनी सरकार जनता की सरकार नहीं होती।" इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की है कि वह 29 अगस्त को बिहार में राहुल गांधी की 'मतदाता अधिकार रैली' में शामिल होंगे।


यात्रा का उद्देश्य और विस्तार

यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में संभावित अनियमितताओं के बारे में जागरूकता फैलाना है, जिसे विपक्षी नेताओं ने वोट चोरी का मामला बताया है। यह यात्रा 20 जिलों में 1,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी।