राहुल गांधी की चेतावनी: असम के मुख्यमंत्री को जेल भेजने की बात पर चर्चा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने असम दौरे के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को जेल भेजने की चेतावनी दी है, जिससे असमवासियों में हलचल मच गई है। सरमा के नेतृत्व में असम ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जैसे कि निवेश को आकर्षित करना, कानून व्यवस्था में सुधार और महिला सशक्तिकरण। इस लेख में हम सरमा के कार्यकाल के प्रमुख निर्णयों और राहुल गांधी की चेतावनी के संदर्भ को समझेंगे।
Jul 17, 2025, 16:25 IST
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राहुल गांधी की असम यात्रा और चेतावनी
कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में असम के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को एक स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि राज्य में सत्ता परिवर्तन होता है, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। इस बयान ने असमवासियों को चौंका दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में सरमा ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे जनता में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। राहुल गांधी ने कहा है कि वह बिना सोच-विचार के कुछ नहीं बोलते, जिससे यह सवाल उठता है कि सरमा ने ऐसा क्या किया है कि उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। आइए, मुख्यमंत्री सरमा के कुछ प्रमुख निर्णयों पर नजर डालते हैं और समझते हैं कि राहुल गांधी की चेतावनी का क्या संदर्भ है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के प्रमुख निर्णय
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में असम सरकार ने योजनाबद्ध और प्रभावी नीतियों को अपनाया है, जिसने न केवल देशभर के निवेशकों को आकर्षित किया है, बल्कि वैश्विक कंपनियों की नजरों में भी असम की संभावनाओं को उजागर किया है। असम अब पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बन चुका है और यह तेल, गैस, पेट्रोकेमिकल, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर और आईटी जैसे क्षेत्रों में निवेशकों के लिए एक नई भूमि बनकर उभरा है। सरमा सरकार ने 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्राथमिकता दी है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। गुवाहाटी अब पूर्वोत्तर का कॉर्पोरेट हब बन रहा है, और असम की जैविक खेती, चाय, बांस और कृषि आधारित उद्योगों में नए निवेश तेजी से आ रहे हैं।
असम में कानून व्यवस्था और उग्रवाद पर नियंत्रण
असम लंबे समय से उग्रवाद, कानून-व्यवस्था की समस्याओं और भ्रष्टाचार से जूझता रहा है। लेकिन हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद, इन क्षेत्रों में व्यापक सुधार देखने को मिले हैं। सरमा ने एक सख्त और परिणाम आधारित प्रशासनिक कार्यशैली अपनाई है, जिसने असम को कानून-व्यवस्था और सुशासन का एक नया मॉडल बना दिया है। असम में उग्रवाद की समस्या को हल करने के लिए सरकार ने बातचीत और सख्त कार्रवाई दोनों का सहारा लिया है, जिसके परिणामस्वरूप उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है।
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा में सुधार
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन किए हैं। शिक्षा को आधुनिक और रोजगारोन्मुख बनाने पर जोर दिया गया है, जबकि महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुदृढ़ करने के लिए व्यापक सुधार किए गए हैं। असम बाल विवाह निषेध अभियान के तहत हजारों गिरफ्तारियां हुईं, जिससे सामाजिक चेतना में वृद्धि हुई है। अब असम में बेटियां सुरक्षित और शिक्षित होकर आगे बढ़ रही हैं।
सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की मुहिम
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एक कठोर मुहिम चलाई है, जिसके तहत 1,19,548 बीघा भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। इस अभियान ने कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित किया है और अवैध घुसपैठियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया है।
असम का ऊर्जा क्षेत्र में नया कदम
असम अब भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है जो तेल उत्पादन में प्रत्यक्ष भूमिका निभाएगा। यह निर्णय हाल ही में हाइड्रोकार्बन की खोज के बाद लिया गया है, जिससे असम को राजस्व और मुनाफे में भी प्रत्यक्ष हिस्सा मिलेगा।
राहुल गांधी की चेतावनी का संदर्भ
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के प्रयासों से असम एक ऐसा समाज बना रहा है जहां शिक्षा, समानता और सुरक्षा विकास के मूल आधार हैं। शायद इसी कारण राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री को जेल भेजने की चेतावनी दी है।