राहुल गांधी का महागठबंधन मार्च: बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध

राहुल गांधी का चुनाव आयोग के खिलाफ मार्च
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में पटना में चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर महागठबंधन मार्च का नेतृत्व किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले महाराष्ट्र और हरियाणा में लोकसभा चुनाव हुए थे, और उसके बाद वहां विधानसभा चुनाव भी हुए। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन ने जीत हासिल की, लेकिन विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वोटर सूची में वृद्धि पर सवाल
राहुल ने आगे बताया कि हमने इस मुद्दे पर ज्यादा चर्चा नहीं की, लेकिन जब हमने आंकड़ों का विश्लेषण किया, तो पता चला कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 1 करोड़ नए मतदाता शामिल हुए हैं। इसका मतलब यह है कि विधानसभा चुनाव में 10% अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। उन्होंने कहा कि जब हमने यह जानने की कोशिश की कि ये नए मतदाता कहां से आए, तो यह स्पष्ट हुआ कि जिन क्षेत्रों में मतदाता बढ़े, वहां बीजेपी को वोट मिले। एक महीने में 4000-5000 नए मतदाता रजिस्टर हुए, जबकि गरीबों के वोट काटे गए।
चुनाव आयोग पर आरोप
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी की मांग की, तो आयोग ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि आज तक उन्हें महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट नहीं मिली और वीडियोग्राफी के कानून में बदलाव किया गया। यह सब इसलिए किया गया ताकि सच्चाई को छिपाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस तरह महाराष्ट्र में वोट चोरी हुई, वैसी ही कोशिश बिहार में भी की जा रही है।
विपक्षी नेताओं की उपस्थिति
इस विरोध मार्च में लोकसभा में विपक्ष के नेता के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भाकपा महासचिव डी राजा और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। पटना के आयकर गोलंबर से शुरू हुए इस विरोध मार्च के दौरान गांधी अन्य नेताओं के साथ एक वाहन पर सवार थे। महागठबंधन द्वारा आयोजित राज्यव्यापी बंद को सफल बनाने के लिए विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर बिहार के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात को बाधित किया।