राहुल गांधी का बड़ा बयान: भाजपा सत्ता-विरोधी भावना से अछूती

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर सत्ता-विरोधी भावना से अछूती रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने चुनावी सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि एग्जिट पोल अक्सर गलत साबित होते हैं। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग से मतदाता सूची की पारदर्शिता की मांग की और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। जानें उनके बयान के प्रमुख बिंदु और चुनावी प्रक्रिया पर उनके विचार।
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राहुल गांधी का बड़ा बयान: भाजपा सत्ता-विरोधी भावना से अछूती

कांग्रेस नेता का बयान

कांग्रेस पार्टी बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर लगातार सवाल उठा रही है। इसी संदर्भ में, राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता-विरोधी भावना हर लोकतंत्र में सभी पार्टियों को प्रभावित करती है, लेकिन भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो इस भावना से प्रभावित नहीं होती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल अक्सर भ्रामक होते हैं, जैसा कि हरियाणा और मध्य प्रदेश चुनावों में देखा गया, जहां परिणाम पूरी तरह से अलग दिशा में गए।


सर्वेक्षण और वोटिंग प्रक्रिया

राहुल ने बताया कि उनके आंतरिक सर्वेक्षण भी काफी विकसित हैं। ये सर्वेक्षण कुछ संकेत दे रहे थे, लेकिन परिणाम उलट आए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान का आधार एक व्यक्ति को एक वोट देने पर है। चुनाव की योजना बनाते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि एक व्यक्ति, एक वोट का सिद्धांत सुरक्षित है। क्या सही मतदाताओं को वोट देने की अनुमति मिल रही है? क्या मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं?


भाजपा की जीत पर सवाल

कांग्रेस नेता ने कहा कि हाल के समय में जनता में कुछ संदेह उत्पन्न हुआ है। भाजपा की जीत को 'जादुई' बताया गया है, जबकि लाखों भारतीय इस पर संदेह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल और जनमत सर्वेक्षण गलत साबित हुए हैं। मीडिया द्वारा माहौल बनाने का आरोप लगाया गया है।


चुनाव आयोग पर आरोप

राहुल ने चुनाव आयोग से स्पष्ट रूप से कहा कि वोटर लिस्ट पर जवाबदेही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया महीनों तक चलती है और वोटिंग के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट किया गया है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और कहा कि वहां 40 लाख संदिग्ध मतदाता हैं।


नए मतदाताओं की संख्या

विपक्ष के नेता ने बताया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए मतदाता शामिल हुए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर लिखा और कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव चुराया गया है। मतदाता सूची देश की संपत्ति है, और चुनाव आयोग इसे साझा करने से इनकार कर रहा है।