राहुल गांधी का दावा: कृषि कानूनों पर धमकी देने के लिए भेजे गए थे जेटली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि उन्हें कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने से रोकने के लिए अरुण जेटली को भेजा गया था। जेटली के बेटे रोहन जेटली ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनके पिता का स्वभाव किसी को धमकाने का नहीं था। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य।
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राहुल गांधी का दावा: कृषि कानूनों पर धमकी देने के लिए भेजे गए थे जेटली

राहुल गांधी का बयान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने से रोकने के लिए अनुभवी राजनेता को भेजा था। उल्लेखनीय है कि भाजपा के पूर्व नेता अरुण जेटली का निधन अगस्त 2019 में हुआ था। केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को जून 2020 में अध्यादेश के रूप में पेश किया था, जो जेटली के निधन के लगभग एक साल बाद आया।


 


राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव-2025 में जेटली के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, "जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा था, तब अरुण जेटली जी को मुझे डराने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था, 'अगर आप सरकार का विरोध करते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।' मैंने उन्हें जवाब दिया, 'आपको नहीं लगता कि आप किससे बात कर रहे हैं?'"


 


इस बीच, राहुल गांधी के इस दावे पर अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राहुल गांधी का यह दावा गलत है, क्योंकि उनके पिता का निधन 2019 में हुआ था और कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे। रोहन ने यह भी कहा कि उनके पिता का स्वभाव किसी को धमकाने का नहीं था।


 


रोहन जेटली ने कहा कि उनके पिता एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे, जो हमेशा सहमति बनाने में विश्वास रखते थे। उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो अब हमारे बीच नहीं हैं।