राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पांचवीं वर्षगांठ पर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEP 2020 की पांचवीं वर्षगांठ पर इसे वैश्विक शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। उन्होंने इस नीति के उद्देश्यों और इसके प्रभाव पर चर्चा की, जो छात्रों की क्षमताओं को उजागर करने और उन्हें 21वीं सदी के लिए तैयार करने में मदद करती है। प्रधान ने सभी को इस नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पांचवीं वर्षगांठ पर केंद्रीय मंत्री का बयान

NEP 2020 का महत्व और उद्देश्य

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को वैश्विक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति विकसित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बनकर उभरी है। उनका यह बयान उस समय आया है जब एनईपी ने अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाई। उन्होंने एक्स पर साझा किया कि 29 जुलाई हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनईपी 2020 को पांच साल पहले लॉन्च किया गया था।


 


प्रधान ने कहा कि यह नीति विश्व स्तरीय शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने, प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को उजागर करने और हमारी जनसंख्या को 21वीं सदी के लिए तैयार करने में मदद कर रही है। एनईपी 2020 रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा देती है, जिससे हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आ रहा है। आज, जब हम इस नीति के कार्यान्वयन के पांच साल पूरे कर रहे हैं, यह स्पष्ट है कि एनईपी 2020 विकसित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है।


 


उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी को एनईपी 2020 के पांच साल पूरे होने पर बधाई देता हूँ। आइए, हम भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए इस नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रहें। 29 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनईपी 2020 को मंजूरी दी, जिसमें उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें 2035 तक 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) का लक्ष्य और विभिन्न प्रवेश और निकास बिंदुओं के प्रावधान शामिल हैं।


 


एनईपी 2020 में कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा, प्रगति कार्ड, 5 + 3 + 3 + 4 संरचना, बहु-विषयक शिक्षा के साथ आसान प्रवेश/निकास विकल्प और एक अकादमिक क्रेडिट बैंक शामिल हैं। इस नीति का उद्देश्य छात्रों को रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करने में सक्षम बनाना है, साथ ही विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला और मानविकी में चरित्र, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता, सेवा की भावना और 21वीं सदी की क्षमताओं का विकास करना है।