राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का 26वां स्थापना दिवस: शरद और अजीत पवार के बीच की दूरियां बनी रहीं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने अपने 26वें स्थापना दिवस पर शरद पवार और अजीत पवार के बीच की दूरियों को उजागर किया। दोनों गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें अजीत पवार ने अपने निर्णय का बचाव किया और पार्टी के भविष्य पर चर्चा की। सुप्रिया सुले ने भी अजीत पवार के साथ संभावित विलय पर टिप्पणी की। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना के बारे में और क्या कहा दोनों नेताओं ने।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का 26वां स्थापना दिवस: शरद और अजीत पवार के बीच की दूरियां बनी रहीं

स्थापना दिवस का आयोजन

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने मंगलवार को अपने 26वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में दो अलग-अलग कार्यक्रम पुणे में आयोजित किए गए। हालांकि, दोनों गुटों के विलय की चर्चाएं लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन इस स्थापना दिवस पर जो स्थिति देखने को मिली, उससे यह संभावना अभी भी दूर लगती है। हाल के दिनों में शरद और अजीत पवार के बीच कई बंद कमरे की बैठकें हुई हैं, और वे सार्वजनिक रूप से भी एक साथ नजर आए हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनके बीच की दूरियां अभी भी बरकरार हैं।


अजीत पवार का बयान

अजीत पवार, जिन्होंने 2023 में अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ हाथ मिलाया, ने पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए अपने निर्णय का बचाव किया। उन्होंने कहा, "सिर्फ विपक्ष में बैठकर नारे लगाना और मोर्चे निकालना काफी नहीं है। हम साधु-संत नहीं हैं। हमारा उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना और समावेशी राजनीति करना है।" उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन को पार्टी की विचारधारा से समझौता नहीं बताया और कहा कि 2019 में शिवसेना के साथ भी समझौते हुए थे।


सुप्रिया सुले का कार्यक्रम

शरद पवार गुट की ओर से सुप्रिया सुले ने एक अलग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। जब उनसे अजीत पवार गुट के साथ संभावित विलय के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने सीधे उत्तर देने से बचते हुए कहा कि पारिवारिक संबंध अब भी कायम हैं। उन्होंने कहा, ''अजीत पवार और मैं परिवार के तौर पर हमेशा साथ हैं। पार्टी के विलय जैसे निर्णय बातचीत की मेज पर होने चाहिए।''


पार्टी के भविष्य पर चर्चा

अजीत पवार ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ फिर से जुड़ने की संभावना पर कोई निश्चित बयान नहीं दिया, केवल इतना कहा कि ऐसे निर्णय शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं। वहीं, शरद पवार ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी में विभाजन होगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की और कहा कि अगर वे एकजुट रहेंगे, तो सत्ता अपने आप आएगी।