राष्ट्रपति मुर्मू की उत्तराखंड यात्रा: दृष्टिबाधित बच्चों के साथ भावुक क्षण

राष्ट्रपति का भावुक अनुभव
उत्तराखंड की तीन दिवसीय यात्रा पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को दृष्टिबाधित बच्चों द्वारा गाए गए शुभकामना गीत को सुनकर भावुकता का अनुभव किया। जब बच्चों के एक समूह ने उनके 67वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए गीत गाया, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।
गायन प्रतिभा की सराहना
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) के दौरे के दौरान बच्चों से कहा कि उनका सुंदर गायन सुनकर वह बेहद भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, "मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। ऐसा लगा जैसे वे अपने दिल से गा रहे थे, जैसे सरस्वती उनके गले में बैठकर गा रही थीं।"
दिव्यांग बच्चों के लिए प्रेरणा
मुर्मू ने बच्चों की गायन प्रतिभा को देखकर यह महसूस किया कि दिव्यांगता के साथ जन्मे बच्चों में अद्वितीय क्षमताएं होती हैं। उन्होंने बच्चों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि उनकी सफलता निश्चित है।
सरकार की नीतियों का महत्व
राष्ट्रपति ने बताया कि सरकार की नीतियां दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और समान अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने संस्थान से जुड़े सभी लोगों की सराहना की, जो दिव्यांग बच्चों के उत्थान के लिए समर्पित हैं।
भारत की समावेशिता का उदाहरण
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास दयालुता और समावेशिता के उदाहरणों से भरा हुआ है। राष्ट्रपति ने बच्चों से शिक्षा के माध्यम से सशक्त होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का समर्थन
इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक एक मजबूत भारत के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की।
राष्ट्रपति की आगामी गतिविधियाँ
राष्ट्रपति मुर्मू ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड पहुंचकर राष्ट्रपति निकेतन के पुनर्निर्मित रिट्रीट का उद्घाटन किया। वह इसके विशाल परिसर में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगी। इसके बाद, राष्ट्रपति 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट जाएंगी।