राष्ट्रपति मुर्मू का IAS अधिकारियों को लोक सेवा के मूल्यों पर जोर

राष्ट्रपति का संदेश
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों के एक समूह से बातचीत करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को उनसे आग्रह किया कि वे लोक सेवा के मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने अधिकारों का उपयोग सहानुभूति और निष्पक्षता के साथ करें।
उन्होंने कहा कि समावेशी विकास में अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है। मुर्मू ने यह भी बताया कि विशेष ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्गों को विकास की प्रक्रिया में पीछे न छोड़ा जाए।
राष्ट्रपति ने कहा, 'जब गरीब और वंचित लोग विकास और समृद्धि का अनुभव करेंगे, तभी हम विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के करीब पहुंचेंगे।' यह बयान उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राज्य सिविल सेवाओं से नियुक्त IAS अधिकारियों को संबोधित करते हुए दिया, जो मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 127वें प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे थे।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रौद्योगिकी और नवाचार उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुर्मू ने कहा, 'डिजिटल उपकरण सेवा प्रदान करने की स्थिति में सुधार से लेकर डेटा-संचालित निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं, जिससे कुशल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल शासन प्रणाली का निर्माण हो सके। यह आवश्यक है कि आप एआई, ई-गवर्नेंस और डिजिटल फीडबैक तंत्र में नवाचारों को अपनाएं ताकि सरकारी योजनाएं अंतिम छोर तक पहुंच सकें।'
राष्ट्रपति ने IAS अधिकारियों को याद दिलाया कि उन्हें अपने आचरण में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'आपसे उम्मीद की जाती है कि आप उदाहरण पेश करेंगे और उन मूल्यों का पालन करेंगे जो सार्वजनिक सेवा की भावना को दर्शाते हैं।'
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में मुर्मू ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और सुरक्षित धरती उपहार में दें। मुझे विश्वास है कि आप इस दिशा में काम करेंगे।