रावण का कौशल्या का अपहरण: एक अनसुनी कहानी

रावण का अपहरण: एक रहस्यमय घटना

रामायण की कथा के अनुसार, लंकापति रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए माता सीता का अपहरण किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीता से पहले रावण ने भगवान श्रीराम की माता कौशल्या का भी अपहरण किया था?
आखिर रावण ने कौशल्या का अपहरण क्यों किया? आइए, इस रहस्य को समझते हैं।
भविष्यवाणी का डर
आनंद रामायण के अनुसार, रावण ने कौशल्या का अपहरण सीता से पहले किया था। एक कथा के अनुसार, रावण ने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुनी थी और उसे टालने के लिए उसने कौशल्या का अपहरण किया। भगवान ब्रह्मा ने उसे बताया था कि दशरथ और कौशल्या का पुत्र ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। इस भविष्यवाणी से बचने के लिए, रावण ने दशरथ और कैकेयी के विवाह के दिन कौशल्या का अपहरण किया।
दशरथ का साहस
अपहरण के बाद, रावण ने कौशल्या को एक सुनसान द्वीप पर बंद कर दिया। नारद मुनि ने राजा दशरथ को इस घटना की जानकारी दी और उस स्थान का पता बताया। राजा दशरथ ने अपनी सेना के साथ उस द्वीप पर पहुंचकर रावण से युद्ध किया। हालांकि, रावण की शक्तिशाली सेना के सामने दशरथ की सेना हार गई। लेकिन दशरथ ने हार नहीं मानी और एक लकड़ी के तख्ते की मदद से समुद्र में तैरकर कौशल्या को बचाने पहुंचे।
दशरथ ने कौशल्या को बंधनमुक्त किया और उन्हें सुरक्षित अपने महल ले आए। रावण ने कौशल्या का अपहरण करके श्रीराम के जन्म से पहले अपनी मृत्यु को टालने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा।
यह ध्यान देने योग्य है कि रावण अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी को टाल नहीं सका। अंततः, कौशल्या और राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम ने रावण का अंत कर इस भविष्यवाणी को सही साबित किया।