रायबरेली में दलित की हत्या: पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, 9 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन किया है। एसपी ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर और भी लोगों की पहचान की जा रही है। इस घटना से संबंधित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जानें इस मामले में पुलिस की सख्त कार्रवाई और आगे की योजना के बारे में।
 | 
रायबरेली में दलित की हत्या: पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, 9 गिरफ्तार

रायबरेली में हुई हत्या की घटना

रायबरेली में दलित की हत्या: पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, 9 गिरफ्तार

यूपी पुलिस

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक गंभीर घटना घटित हुई है। एसीपी डॉ. यशवीर के अनुसार, 2 अक्टूबर की रात लगभग 1 बजे, गांव के लोगों की भीड़ ने एक व्यक्ति को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला। यह घटना ऊंचाहार थाना क्षेत्र के जमुनापुर गांव में हुई। मृतक की पहचान 38 वर्षीय हरियोम वाल्मीकि के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।

इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से पांच को घटना के तुरंत बाद पकड़ा गया था, जबकि चार अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया। पहले गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में विजय सिंह, वैभव सिंह, विपिन मौर्य, सहदेव पासी और सुरेश कुमार मौर्य शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज के आधार पर और भी आरोपियों की पहचान की जा रही है।

अधिक गिरफ्तारियों की योजना

रायबरेली में हुई इस दुखद घटना के संदर्भ में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। एसपी ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि वीडियो के आधार पर घटनास्थल पर मौजूद लगभग 15 से 20 अन्य लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने यह भी बताया कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने उस व्यक्ति को बचाने की कोशिश नहीं की और न ही पुलिस को सूचित किया। गिरफ्तारी के बाद, आरोप पत्र दायर किया जाएगा और गैंगस्टर अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई

पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले से संबंधित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। थानाध्यक्ष को हटाकर नए थानाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। घटनास्थल पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को मृतक या उसकी जाति के बारे में जानकारी नहीं थी। भीड़ में मौर्य और पासी जाति के लोग शामिल थे, साथ ही कुछ सामान्य जाति के लोग भी थे।