रायपुर में मच्छरों का प्रकोप: नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
रायपुर में मच्छरों की समस्या

रायपुर: शहर के विभिन्न वार्डों में फॉगिंग की कमी और नालियों में गंदगी के कारण राजधानी में मच्छरों की समस्या बढ़ती जा रही है। शाम होते ही स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। इस समस्या का मुख्य कारण नालियों की नियमित सफाई का अभाव बताया जा रहा है, जबकि नगर निगम हर साल मच्छर नियंत्रण के लिए करोड़ों रुपये खर्च करता है। इसके बावजूद, वास्तविकता कुछ और ही है।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि शुक्रवार को जोन 5 के वामन राव लाखे वार्ड के एक निवासी ने डेंगू फैलाने वाले मच्छर को पकड़कर निगम मुख्यालय में पेश किया। यह घटना निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
पिछले और वर्तमान खर्च का विवरण
पिछले वर्ष मच्छर नियंत्रण पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
नई मशीन खरीदने के लिए लगभग 70 लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
लगभग 3 लाख रुपये का एंटीलार्वा केमिकल मुख्यालय द्वारा खरीदा गया है, जिसे आवश्यकतानुसार जोनों में भेजा जाएगा।
मच्छर जांच और फॉगिंग की स्थिति
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तृप्सि ने बताया कि जो मच्छर लाया गया था, उसकी जांच में वह सामान्य मच्छर पाया गया। डेंगू पर नियंत्रण के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम के अपर आयुक्त विनोद पांडे ने कहा कि हर जोन में फॉगिंग के लिए मशीनें उपलब्ध हैं। जोन कार्यालय साप्ताहिक रोस्टर बनाकर फॉगिंग करता है। सभी वार्डों में हर दिन फॉगिंग करना संभव नहीं है, लेकिन एक-दो दिन के अंतराल में किया जाता है। पहले यह कार्य टेंडर के माध्यम से होता था, लेकिन अब निगम के कर्मी स्वयं फॉगिंग करते हैं। पिछले साल शहर में 68 डेंगू मरीज सामने आए थे, जबकि इस साल अब तक केवल 18 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। जनता इतनी परेशान हो चुकी है कि अब खुद मच्छर पकड़कर निगम पहुंचा रही है। 'स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर' के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यदि यह स्थिति बनी रही, तो पूरे प्रदेश में डेंगू के मरीज बढ़ सकते हैं।
जोन कमिश्नर को निर्देश
जिस क्षेत्र से मच्छर लाया गया था, उस जोन कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि फॉगिंग और पानी के प्रवाह का सही प्रबंधन करें ताकि जल जमाव न हो। उस क्षेत्र की नालियों में एंटीलार्वा का विशेष छिड़काव किया जाए।
मशीनों और बजट की स्थिति
वर्तमान में हर जोन में फॉगिंग के लिए पांच मशीनें हैं। दो बड़ी मशीनें खराब हैं, जिनकी मरम्मत अभी तक नहीं हो पाई है। नगर निगम ने इस साल मच्छर नियंत्रण के लिए कितनी राशि खर्च करनी है, यह बजट में स्पष्ट नहीं किया गया है। पिछले नगर सरकार में तीन महीने में 1 करोड़ 24 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये सालाना करने की बात कही गई थी। इसके बावजूद, शहरवासियों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है।
