रायपुर में भिखारी निकली लखपति: प्रशासन के अभियान ने खोली सच्चाई
भीख मांगने वाली महिला की अनोखी कहानी
जब हम घर से बाहर निकलते हैं, तो अक्सर चौराहों और सड़कों पर भिखारियों का सामना करना पड़ता है। कुछ भिखारी तो ऐसे होते हैं जो पीछा करने लगते हैं, जब तक उन्हें भीख नहीं मिलती। आमतौर पर, ये लोग पैसों की कमी के कारण भीख मांगते हैं। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
लखपति महिला की पहचान
रायपुर में एक महिला जो सड़क पर भीख मांग रही थी, वास्तव में लखपति निकली। उसका एक बेटा विदेश में बस गया है, जबकि दूसरा बड़ा व्यापारी है। जब अधिकारियों ने उससे भीख मांगने का कारण पूछा, तो वहां मौजूद लोग और प्रशासन के अधिकारी भी चकित रह गए।
प्रशासन का पुनर्वास अभियान
भारत में भिक्षा मांगना एक अपराध माना जाता है, फिर भी हर शहर में भिखारी मिल जाते हैं। कई लोग मजबूरी या गरीबी के कारण भीख मांगते हैं, जबकि कुछ आदतन ऐसा करते हैं। हाल ही में रायपुर में भिक्षुक पुनर्वास अभियान के दौरान एक महिला भिखारी की कहानी सामने आई।
महिला की संपत्ति और आय
प्रशासन ने भिखारियों के पुनर्वास के लिए एक अभियान शुरू किया था। इस दौरान, अधिकारियों ने एक महिला को देखा जो भीख मांग रही थी। जब उन्होंने उससे पूछताछ की, तो पता चला कि वह एक संपन्न परिवार से है। उसके पास अपना घर है, जिसमें उसका बेटा किराना व्यवसाय करता है। दूसरा बेटा विदेश में नौकरी कर रहा है। महिला ने अपने घर के तीन कमरों को किराए पर दे रखा है, जिससे उसे हर महीने 8,000 रुपये की आय होती है।
भीख मांगने का असली कारण
महिला के पास एक बैंक खाता भी है, जिसमें हजारों रुपये हैं। जब अधिकारियों ने उससे पूछा कि वह इतनी संपन्न होने के बावजूद भीख क्यों मांगती है, तो उसने बताया कि वह बीमार है। इसी कारण वह मंदिर और मस्जिद के चक्कर लगाती है। अधिकारियों ने उसकी काउंसलिंग शुरू कर दी है और उसे पुनर्वास केंद्र में ले जाया गया है।
भीख मांगने का व्यवसाय
अधिकारियों का कहना है कि शहर में एक गैंग सक्रिय है जो भीख मांगता है। जब भी किसी को पुनर्वास केंद्र लाया जाता है, तो वे भीख मांगने से इनकार कर देते हैं। ऐसा इसलिए होता है ताकि उन्हें जल्दी छोड़ दिया जाए और वे फिर से भीख मांगकर अपनी कमाई कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि ये लोग भीख मांगकर हजारों रुपये कमा रहे हैं और इसलिए वे छोड़ना नहीं चाहते।
