रायपुर में जल संरक्षण के लिए नगर निगम की नई पहल
जल स्तर में गिरावट के मद्देनजर कदम
रायपुर
राजधानी रायपुर में भू-जल स्तर में निरंतर गिरावट को देखते हुए नगर निगम ने जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस दिशा में, निगम ने शहर में भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए 10 स्थानों पर वर्षा जल संचयन पिट बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए लगभग 50 लाख रुपये का प्रस्ताव केंद्रीय जल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजा गया है।
वर्षा जल संचयन की लागत
नगर निगम के जल विभाग के अनुसार, प्रत्येक वर्षा जल संचयन पिट की लागत लगभग 5 लाख रुपये होगी। इन पिटों के माध्यम से वर्षा के पानी को संग्रहित कर सीधे जमीन में पहुंचाया जाएगा, जिससे भू-जल का पुनर्भरण संभव हो सकेगा। वर्तमान में, शहर में उपयुक्त स्थानों की पहचान की जा रही है।
जल स्तर की चिंताजनक स्थिति
कई क्षेत्रों में जल स्तर में गिरावट
नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, रायपुर में भू-जल स्तर तेजी से गिर रहा है। कचना, सड्डू और सेजबहार जैसे क्षेत्रों में जल स्तर 800 से 1000 फीट तक पहुंच गया है। इससे बोरवेल की गहराई बढ़ रही है और जल आपूर्ति पर दबाव भी बढ़ रहा है।
पहले से विकसित रेन वाटर हार्वेस्टिंग
62 एकड़ में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली
इससे पहले, नगर निगम ने दलदल सिवनी क्षेत्र में लगभग 62 एकड़ में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित की है। इंदिरा स्मृति वन के पास बनाए गए परकोलेशन टैंकों में मानसून के दौरान वर्षा जल को एकत्र कर जमीन में समाहित किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यवस्था से लगभग 21 करोड़ लीटर पानी का भंडारण संभव है।
भविष्य की योजनाएं
नगर निगम का मानना है कि वर्षा जल संरक्षण से भविष्य में जल संकट को काफी हद तक रोका जा सकता है। निगम आयुक्त विश्वदीप ने बताया कि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर कार्य तुरंत शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही, भविष्य में सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थलों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं विकसित करने की योजना है।
