रामेश्वर दयाल की मेहनत से गोवंश समस्या पर NHRC का सख्त कदम

रामेश्वर दयाल खिन्नोट की मेहनत ने सरमथुरा में गोवंश के आतंक के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का ध्यान आकर्षित किया। उनकी शिकायत पर NHRC ने सख्त कदम उठाते हुए नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने इस पहल की सराहना की है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या इस निर्देश का पालन होगा। जानें इस मुद्दे पर पूरी जानकारी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
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रामेश्वर दयाल की मेहनत से गोवंश समस्या पर NHRC का सख्त कदम

सरमथुरा में गोवंश के आतंक पर कार्रवाई

धौलपुर, राजस्थान: समाजसेवी और पूर्व कस्टम अधिकारी रामेश्वर दयाल खिन्नोट की लंबे समय से चल रही कोशिशें अब रंग लाई हैं। सरमथुरा नगर पालिका में गोवंश के बढ़ते आतंक से परेशान नागरिकों की आवाज को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक पहुंचाने वाले रामेश्वर दयाल की शिकायत पर आयोग ने सख्त कदम उठाया है।


23 जुलाई 2025 को, रामेश्वर दयाल ने आयोग को ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि सरमथुरा कस्बे में सैकड़ों गोवंश सड़कों पर बेतरतीब घूम रहे हैं, जिससे आम लोगों को गंभीर असुविधा और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका ने इस समस्या पर वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं की और न ही एक भी पशु को गौशाला में भेजा गया। वर्तमान में, 500 से अधिक गायें कस्बे में सड़कों पर घूम रही हैं, जिसके कारण कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं।


रामेश्वर दयाल ने नगर पालिका की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उनकी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सहायक रजिस्ट्रार (विधि) अतुल कुमार ने केस नंबर 2867/20/12/2025 के तहत 26 सितंबर 2025 को धौलपुर नगर निगम आयुक्त को निर्देश जारी किए। आयोग ने नगर आयुक्त, गौरव पथ, हरदेव नगर, धौलपुर को आदेश दिया कि शिकायत को संबंधित प्राधिकारी को उचित कार्रवाई के लिए भेजा जाए। साथ ही, प्राधिकारी को निर्देश दिया गया कि शिकायतकर्ता को शामिल करते हुए 8 सप्ताह के भीतर आवश्यक कदम उठाए जाएं और कार्रवाई की जानकारी दी जाए।


रामेश्वर दयाल की इस पहल को स्थानीय लोगों ने सराहा है। सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाएं और असुविधाएं हर कस्बे और शहर में आम समस्या हैं, लेकिन इस दिशा में सजगता दिखाते हुए रामेश्वर दयाल ने सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह आदेश उम्मीद की किरण है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या इस निर्देश का पालन होगा और धरातल पर कार्रवाई दिखेगी?


अब जनता को नगर पालिका और प्रशासन से ठोस कदमों की उम्मीद है ताकि सरमथुरा की सड़कों को गोवंश के आतंक से मुक्त किया जा सके और आम लोगों को राहत मिले।