रामदास अठावले ने राज ठाकरे की हिंदी विरोधी टिप्पणियों की निंदा की
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हिंदी भाषा के प्रति हालिया नकारात्मक रुख की आलोचना की है। उन्होंने मुंबई में हिंदी भाषी नागरिकों के खिलाफ हुई हिंसक घटनाओं की निंदा की और गुंडागर्दी को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अठावले ने कहा कि हिंदी का विरोध उचित नहीं है और यह मराठी भाषा के लिए कोई खतरा नहीं है। उन्होंने ठाकरे परिवार के पुनर्मिलन पर भी संदेह व्यक्त किया और उद्धव ठाकरे से समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
Jul 9, 2025, 13:20 IST
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रामदास अठावले की कड़ी प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के प्रमुख रामदास अठावले ने रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं की हिंदी भाषा के प्रति हालिया नकारात्मक रुख की आलोचना की। उन्होंने मुंबई में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हुई हिंसक घटनाओं पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। अठावले ने गुंडागर्दी को तुरंत समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और चेतावनी दी कि इस तरह की गतिविधियों से मुंबई की महानगरीय छवि को नुकसान होगा।
भाषाई विवाद पर अठावले ने कहा कि मुंबई में जो घटनाएँ हो रही हैं, वे अस्वीकार्य हैं। उन्होंने मनसे की भूमिका को गलत ठहराया और कहा कि निशिकांत दुबे का बयान जनता के लिए स्वीकार्य नहीं है, हालांकि यह केवल दादागिरी करने वालों के लिए था। यह भाजपा का आधिकारिक बयान नहीं है, बल्कि उनकी व्यक्तिगत राय है। राज ठाकरे को अपनी भूमिका में बदलाव लाने की आवश्यकता है। हमें मराठी पर गर्व है, लेकिन हिंदी का विरोध करना उचित नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदी का विरोध करना सही नहीं है, क्योंकि देश में बड़ी संख्या में लोग हिंदी बोलते हैं। यह मराठी भाषा के लिए कोई खतरा नहीं है। राज और उद्धव ठाकरे के पुनर्मिलन पर अठावले ने संदेह व्यक्त किया कि वे मराठी मुद्दे पर एकजुट हुए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे कब तक एक रहेंगे। उन्होंने उद्धव ठाकरे से बाल ठाकरे के समावेशी दृष्टिकोण को याद रखने का आग्रह किया, जिसमें विभिन्न समुदायों के लिए शाखाएँ बनाना शामिल था, और मनसे की हिंदुओं पर हमलों की निंदा की।