राम मंदिर भूमि विवाद में नया खुलासा: सुनवाई में बाधा डालने के प्रयास

राम मंदिर भूमि विवाद में एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सुनवाई में बाधा डालने के प्रयास किए गए थे। यह जानकारी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक पुस्तक विमोचन के दौरान साझा की गई। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी थी। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्य।
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राम मंदिर भूमि विवाद में नया खुलासा: सुनवाई में बाधा डालने के प्रयास

राम मंदिर विवाद में महत्वपूर्ण जानकारी

राम मंदिर भूमि विवाद में नया खुलासा: सुनवाई में बाधा डालने के प्रयास

राम मंदिर

राम मंदिर भूमि विवाद के फैसले के छह साल बाद एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक कार्यक्रम में बताया कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को प्रभावी रूप से रोकने के प्रयास किए गए थे।

यह जानकारी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘केस फॉर राम – द अनटोल्ड इनसाइडर्स स्टोरी’ नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान साझा की गई। इस खुलासे ने एक बार फिर राम मंदिर विवाद को चर्चा में ला दिया है।

ऐतिहासिक निर्णय में देरी की कोशिशें

2019 में, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी थी। इस निर्णय में मंदिर के लिए 2.77 एकड़ भूमि और मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई थी।

मेहता ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए गए, कभी-कभी परोक्ष रूप से, तो कभी स्पष्ट रूप से कि मामले की सुनवाई न हो।”

वकीलों का अदालत से बॉयकॉट

उन्होंने यह भी बताया कि जब सभी बाधाएं विफल हो गईं, तो दो प्रमुख वकीलों ने अदालत का बॉयकॉट किया। यह घटना उनके लिए एक बुरा अनुभव रही। उन्होंने कहा कि ऐसा वाकआउट आमतौर पर संसद में होता है, लेकिन यह राम मंदिर मामले में भी हुआ।

राम मंदिर का निर्माण और उद्घाटन

रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 2019 में विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई। राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को एक भव्य समारोह में किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होगा, जिसे हिंदू देवता राम का जन्म स्थान माना जाता है.