रात में अचानक नींद खुलने के कारण और समाधान

रात में नींद खुलने का अनुभव
रात को बिस्तर पर जाने के बाद हर कोई एक शांत नींद की उम्मीद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एक स्वस्थ वयस्क को प्रतिदिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। लेकिन कई लोग रात में अचानक जागने की समस्या का सामना करते हैं, जो बार-बार हो सकता है। इसके पीछे कुछ विशेष कारण हो सकते हैं।
रात में नींद खुलने के कारण
प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ निखिल वत्स के अनुसार, रात में नींद खुलने का मुख्य कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है। इसमें या तो एड्रिनलीन या ग्लाइकोजन की समस्या होती है, जिसे स्टोर्ड शुगर भी कहा जाता है। निखिल बताते हैं कि एड्रिनलीन थकान के साथ हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा देता है। सामान्यतः, कोर्टिसोल का स्तर सुबह 2:30 बजे सबसे कम होता है और सुबह 8:00 बजे सबसे अधिक। लेकिन जब एड्रिनलीन थकान होती है, तो कोर्टिसोल का स्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे रात में जागने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्मोनल असंतुलन का प्रभाव
इस स्थिति में, सुबह उठने पर आप थका हुआ महसूस करते हैं, जबकि आपको अलार्म घड़ी से जागना चाहिए। क्या आपने कभी अलार्म से जागकर सोचा है, "अगर मैं अभी सो सकता, तो बेहतर नींद ले सकता था?" इसका मतलब है कि आपके हार्मोन असंतुलित हो गए हैं।
नींद पर असर डालने वाले कारक
आमतौर पर, लीवर को चीनी को स्टोर करना चाहिए और इसे रात भर धीरे-धीरे रिलीज करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो रक्त शर्करा का स्तर असामान्य हो सकता है, जिससे नींद प्रभावित होती है। इसे इंसुलिन रेजिस्टेंस (IR) कहा जाता है, जो रात में बार-बार पेशाब करने की इच्छा भी पैदा कर सकता है।
सही आहार का महत्व
निखिल वत्स के अनुसार, इस समस्या से बचने के लिए हमें अपने आहार में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे पोटेशियम, कैल्शियम, और मैग्नीशियम) को शामिल करना और कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों से बचना शामिल है। चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें, विशेषकर रात के समय। इसके अलावा, टहलना एक बेहतरीन व्यायाम है, और तनाव को कम करना भी आवश्यक है ताकि आप बेहतर नींद ले सकें।