राज्यसभा में हंगामे के बीच किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर साधा निशाना
राज्यसभा में सीआईएसएफ जवानों की तैनाती को लेकर हंगामा हुआ, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन में केवल मार्शल मौजूद थे और विपक्ष ने मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाया। रिजिजू ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रखने की अपील की और कहा कि सरकार और विधेयक पेश करने की योजना है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीआईएसएफ की तैनाती को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
Aug 5, 2025, 14:40 IST
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राज्यसभा में हंगामा और केंद्रीय मंत्री का बयान
राज्यसभा में सीआईएसएफ जवानों की तैनाती को लेकर उच्च सदन में हंगामा हुआ, जिसके बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने संसद के भीतर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बारे में गलत जानकारी फैलाकर सदन की गरिमा को कम करने और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, रिजिजू ने बताया कि हंगामा तब शुरू हुआ जब उन्होंने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उपसभापति को लिखे पत्र पर आपत्ति जताई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने यह आरोप लगाया है कि सरकार ने सेना, पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया है। हालांकि, सभापति ने स्पष्ट किया कि कोई बाहरी सैन्य या पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था; केवल सदन के मार्शल ही उपस्थित थे। नियमों के अनुसार, संसद के अंदर केवल मार्शलों को ही जाने की अनुमति है। मार्शलों के अलावा, केवल सदस्यों और कर्मचारियों को ही प्रवेश की अनुमति है। विपक्ष ने मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाया है। उन्होंने सदन की गरिमा को कम करने और देश को गुमराह करने का प्रयास किया।
रिजिजू ने कहा, "आज से सत्र का तीसरा हफ्ता शुरू हो रहा है। इन दिनों में हम एक भी विधेयक पारित नहीं कर पाए हैं। हमने राज्यसभा में शिपिंग विधेयक पारित किया और लोकसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन संबंधी वैधानिक प्रस्ताव पारित किया, जिसे हम आज राज्यसभा में पारित करेंगे।" केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम और भी विधेयक पेश करेंगे, लेकिन उससे पहले मैं मुख्य विपक्षी दलों से अपील करता हूँ कि वे विधेयकों और अन्य संसदीय कार्यों में बाधा न डालें। देश की जनता ने हमें संसद में इसलिए भेजा है ताकि हम उनके लिए काम कर सकें।"
इससे पहले, मंगलवार को राज्यसभा के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच सीआईएसएफ कर्मियों की कथित तैनाती को लेकर तीखी बहस हुई। विपक्षी दलों की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सदन के वेल के पास सीआईएसएफ कर्मियों को तैनात किया है। खड़गे ने कहा, "हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि कैसे सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में दौड़ाया गया, जब सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। हमने कल और आज फिर ऐसा देखा। क्या हमारी संसद इस स्तर तक गिर गई है? यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसकी निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में, जब सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे होंगे, तो सीआईएसएफ कर्मी सदन के वेल में नहीं आएंगे।"