राज्यसभा में नेताओं की बैठक: सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाने का आश्वासन

राज्यसभा में राजनीतिक दलों के नेताओं की पहली बैठक में सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने सदस्यों को जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए उपलब्ध अवसरों का महत्व बताया और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में सभी 29 नेताओं का स्वागत किया गया और उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया गया। जानें इस बैठक के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु।
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राज्यसभा में नेताओं की बैठक: सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाने का आश्वासन

राज्यसभा में नेताओं की पहली बैठक

राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सभापति सी.पी. राधाकृष्णन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक को सभी ने उपयोगी और फलदायी बताया। सभापति ने आश्वासन दिया कि वे सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेंगे और सदन की कार्यवाही को सुचारू रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यह बैठक मंगलवार को आयोजित की गई थी।


 


सभापति ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर जोर दिया कि राज्यसभा को अपनी गरिमा, अनुशासन और शिष्टाचार के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने संवाद, विचार-विमर्श, बहस और चर्चा को सदन के बुनियादी तत्व बताया। सदस्यों को जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए उपलब्ध अवसरों का महत्व बताते हुए, उन्होंने शून्यकाल, विशेष उल्लेख और प्रश्नकाल को महत्वपूर्ण साधन माना।


 


उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि भारत का संविधान और राज्य सभा की नियम पुस्तिका संसदीय संवाद के लिए मार्गदर्शक ढाँचे का कार्य करती है। सभापति ने सभी सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सदन की पवित्रता बनाए रखने की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने सभी सदस्यों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सदन के हर क्षण का उपयोग करने का आग्रह किया।


 


सदन के सभी 29 नेताओं का स्वागत करते हुए, सभापति ने उनके उत्साहजनक समर्थन और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अल्प सूचना पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का एकत्र होना उत्साहजनक है।